Tata : कोरोना से लड़ने के लिए 500 करोड़ देने का ऐलान

Tata : कोरोना से लड़ने के लिए 500 करोड़ देने का ऐलान
Tata : कोरोना से लड़ने के लिए 500 करोड़ देने का ऐलान

टाटा ट्रस्ट के चेयरमैन रतन टाटा ने भरोसा दिलाया है कि कोविड-19 से जूझ रहे भारत को वो 500 करोड़ रुपये की मदद करेंगे

Tata : टाटा ट्रस्ट के चेयरमैन रतन टाटा ने भरोसा दिलाया है कि कोविड-19 के ख़िलाफ़ जारी लड़ाई में 500 करोड़ रुपये की मदद करेंगे।

उनकी ओर से जारी बयान में कहा गया है कि भारत और दुनिया में इस समय वर्तमान स्थिति चिंताजनक है और कोविड-19 से लड़ने के लिए तुरंत आपातकालीन सहायता की आवश्यकता है।

इसके बाद बयान में कहा गया है कि टाटा ट्रस्ट सभी समुदायों को सशक्त और सुरक्षित करने की अपनी प्रतिज्ञा को दोहराता है और 500 करोड़ रुपये का वादा करता है।

यह 500 करोड़ रुपये फ़्रंटलाइन पर काम कर रहे स्वास्थ्यकर्मियों के लिए चिकित्सा, रेस्पिरेटरी सिस्टम, टेस्टिंग किट्स आदि में इस्तेमाल किए जाएंगे।

कोविड-19 को लेकर शनिवार को की गई प्रेस कॉन्फ़्रेंस में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि आज एक दिन में कोरोना वायरस के 149 नए मामले सामने आए और दो मौतें हुईं।

इसके साथ ही देश में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज़ों की संख्या 933 हो चुकी है।

Tata : एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया का बयान

मानवाधिकारों पर काम करने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया ने बयान जारी कर कहा है कि कोविड-19 महामारी से लड़ाई में प्रवासी मज़दूर और ग़रीबों को ज़रूरी चीज़ों के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है।

एमनेस्टी ने अपने बयान में कहा कि 24 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21 दिनों के लॉकडाउन की घोषणा की थी।

एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया के एग्ज़िक्युटिव डायरेक्टर अविनाश कुमार ने कहा कि कोविड-19 महामारी से लड़ने के लिए भारत को ये सभी क़दम उठाने ज़रूरी हैं लेकिन इसके साथ ही इस लड़ाई में कोई भी नीति बनाते वक़्त समाज के बेहद कमज़ोर तबके को भी ध्यान में रखना चाहिए।

अविनाश कुमार ने कहा कि राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन से लाखों लोग फंसे हुए हैं और वो खाने-पानी के लिए संघर्ष कर रहे हैं और दुर्भाग्य से इन लोगों के लिए कोविड-19 से अधिक ख़तरा राज्य की मशीनरी बन गई है, सभी परिस्थियों में भी यातना और दर्द पहुंचाने वाला सलूक बंद होना चाहिए, सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट में भी इसको उचित नहीं ठहराया जा सकता।

एमनेस्टी इंडिया ने मांग की है कि भारत सरकार और विभिन्न राज्य उचित क़दम उठाते हुए उन लोगों के लिए कोई उपाय करे जिनकी नौकरी इस लॉकडाउन के कारण जा चुकी है और सरकार ज़रूरतमंद लोगों की मूलभूत सुविधाओं जैसे कि खाना, पानी और साफ़-सफ़ाई का बंदोबस्त करे।

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