Role of Social Workers During Lockdown
मानवता गवाह है प्लेग, हैजा, स्पैनिश फ्लू जैसी महामारियों ने हमारी चिकित्सा प्रगति और आबादी के सबसे कमजोर तबके पर सबसे ज्यादा प्रहार किया है। कोरोनोवायरस (Coronavirus) के साथ इस बार स्थिति अलग नहीं है, शायद बदतर है। कोरोनोवायरस ने आबादी के विभिन्न क्षेत्रों के लिए अद्वितीय चुनौतियां पैदा की हैं और लोगों को इस तरह की आपदाओं से बचाने के लिए तैयार की गई योजना पर बुरा प्रभाव किया है।
सामाजिक कार्यकर्ता ( Social Workers ) भारत में COVID-19 जैसी आपदाओं से निपटने के लिए तैयार हैं।समाज सेवा के कार्यकर्ता उन लोगों के स्वास्थ्य और भलाई को सुनिश्चित करने के लिए प्रचारक, निवारक और उपचार सेवाओं की अग्रिम सीमा पर हैं। उन देशों में जहां कई व्यक्ति संक्रमित हैं, श्रमिक यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि उनके पास आवश्यक सेवाओं तक पहुंच हो, दूरस्थ परामर्श प्रदान करें और अलगाव को दूर करने के तरीके व्यवस्थित करें।
भारत मे सामाजिक कार्यकर्ता गरीब प्रवासी मजदूरों की रहने की व्यवस्था में मदद कर रहे है। सामाजिक कार्यकर्ता इस बात का पूरा ध्यान रख रहे है कि किसी गरीब को इस Covid-19 की बुरे समय में भूका ना सोना पड़े।
बहुत से गरीब लोगो को मजबूरी में अपने घर छोड़ने पड़े जिसके कारण वह बेघर हो गए। रहने के लिए घर ना होने के कारण उन्हें अपने घर वापिस जाना पड़ रहा है। सामाजिक कार्यकर्ता गाड़ियों का प्रबंध करा कर गरीब व्यक्तियों को उनके घर सुरक्षित पहुंचने में मदद कर रहे है।
गरीब और बेघर एक सभ्य भोजन की पकड़ के लिए संघर्ष कर रहे हैं। ऐसे समय में, सामाजिक कार्यकर्ता द्वारा परोसा गया भोजन एक वरदान के रूप में आता है। वारंगल स्थित दाता और निवेशक झुग्गी क्षेत्रों, प्रवासी श्रमिकों और अस्पतालों के बाहर इंतजार कर रहे लोगों के लिए भोजन प्रदान कर रहे हैं।