Modi Goverment: पड़ोसी देशों से FDI पर लगाई पाबंदी, चीन देने लगा WTO के सिद्धांतों की दुहाई

Modi Goverment: पड़ोसी देशों से FDI पर लगाई पाबंदी, चीन देने लगा WTO के सिद्धांतों की दुहाई

Modi Goverment: पड़ोसी देशों से FDI पर लगाई पाबंदी, चीन देने लगा WTO के सिद्धांतों की दुहाई
Modi Goverment: पड़ोसी देशों से FDI पर लगाई पाबंदी, चीन देने लगा WTO के सिद्धांतों की दुहाई
  • प्रत्यक्ष विदेशी निवेश” (FDI) पर पाबंदी
  • FDI पर पाबंदी क्यों?
  • चीनी दूतावास के प्रवक्ता जी रोंग –  G20 है पारदर्शी वातावरण के खिलाफ 
  • पड़ोसी देशो को निवेश से पहले लेनी होगी मंजूरी

Modi Goverment, सत्यकेतन समाचार : भारत ने सभी पड़ोसी देशों से “प्रत्यक्ष विदेशी निवेश” (FDI) पर पाबंदी लगा दी है. भारत के इस कदम से सोमवार को चीन ने कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि विदेशी प्रत्यक्ष निवेश के लिए भारत के नए नियम “विश्व व्यापार संगठन” (WTO) के गैर-भेदभाव सिद्धांतों का उल्लंघन करते हैं और मुक्त और निष्पक्ष व्यापार के खिलाफ है. चीन ने आशा व्यक्त कि की भारत ‘भेदभावपूर्ण प्रथाओं’ को संशोधित करेगा. महामारी से अर्थव्यस्था में गिरावट के कारण केंद्र सरकार ने घरेलू कंपनियों पर बाहरी निवेशकों का कब्जा रोकने के लिए यह फैसला लिया है. ऑस्ट्रेलिया, स्पेन, जर्मनी, इटली भी ऐसा कदम उठा चुके है.

आपको बता दें कि देश में करोना संकट के चलते भारतीय कंपनियों के शेयर की कीमत काफी घट गई है. ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि चीन खुद या फिर दूसरे किसी पड़ोसी देश के जरिए भारत में अपना निवेश बढ़ाने की कोशिश कर सकता है. इसके साथ ही चीन नई कंपनियां खरीदकर भारतीय अर्थव्यवस्था में एंट्री मार सकता है. इसको रोकने के लिए ही भारत सरकार को एफडीआई कानून में बदलाव की जरूरत पड़ी.

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चीनी दूतावास के प्रवक्ता जी रोंग ने कहा, “भारतीय पक्ष द्वारा विशिष्ट देशों से निवेश के लिए लगाई गई अतिरिक्त बाधाएं डब्ल्यूटीओ के गैर-भेदभाव वाले सिद्धांन्त का उल्लंघन करती है, और उदारीकरण तथा व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने की सामान्य प्रवृत्ति के खिलाफ है. अतिरिक्त बाधाओं को लागू करने वाली नई नीति G20 समूह में निवेश के लिए एक स्वतंत्र, निष्पक्ष, गैर-भेदभावपूर्ण और पारदर्शी वातावरण के लिए बनी आम सहमति के खिलाफ भी है.”

इन देशों को निवेश से पहले लेनी होगी मंजूरी

भारत के साथ सीमाएं साझा करने वाले देशों में बांग्लादेश, चीन, भूटान, पाकिस्तान, म्यांमार, अफगानिस्तान और नेपाल शामिल हैं. इन देशों के निवासी भारत सरकार की मंजूरी के बिना निवेश नहीं कर सकेंगे. केंद्र सरकार ने साफ़-साफ़ कहां है के वो देश जिनकी सीमा भारत से लगती है, सभी के लिए निवेश से पहले मंजूरी जरूरी होगी.

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