Lockdown 2.0 का सार
खेती से जुड़े कार्यों के लिए ट्रक, ट्रैक्टर और मशीनें लाने-ले जाने पर रोक नहीं।
खाद्यान्न की आपूर्ति सुनिश्चित करने की चुनौतीः पासवान
तैयार हो रहीं 5 हजार मालगाड़ियां, उत्तर से दक्षिण के सभी ट्रैक किए दुरुस्त
Lockdown 2.0 का विस्तार
कोरोना से बचाव के लिए लागू किए गए पहले लॉकडाउन के सार्थक नतीजे मिलने के बाद केंद्र सरकार लॉकडाउन 2.0 में कई तरह की रियायत दे सकती है। 15 अप्रैल से शुरू हो रहे लॉकडाउन 2.0 में किसानों को फ्री हैंड मिलेगा। केंद्र सरकार ने पहले ही कह दिया है कि फसली सीजन को देखते हुए खेती-किसानी से जुड़े कामकाज में किसी भी तरह की बाधा नहीं आने दी जाएगी।
खेती से जुड़े कार्यों के लिए ट्रक, ट्रैक्टर और मशीनें आदि के इधर-उधर ले जाने पर कोई रोक नहीं होगी। कई राज्यों में गेहूं की खरीद प्रकिया शुरू हो गई है, तो दूसरे प्रदेशों में यह 15 अप्रैल से चालू हो रही है। इसे ध्यान में रखते हुए करीब पांच हजार मालगाड़ियां भी चलाई जा सकती हैं। जिन ट्रैक पर ये मालगाड़ी दौड़ेंगी, वहां की लाइन को दुरुस्त किया जा रहा है।
खाद्यान्न की आपूर्ति सुनिश्चित करने की चुनौतीः पासवान
केंद्र सरकार के अनुसार, कुछ राज्यों में फसलें मंडी में पहुंचना शुरू हो गई हैं। उत्तर भारत में खरीद प्रक्रिया पूरी होने के बाद खाद्यान्न की ये खेप दूसरे राज्यों, खासतौर पर दक्षिण भारत की ओर जाती है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा है कि वे कृषि कार्यों से संबंधित रोड ट्रांसपोर्ट को हरगिज न रोकें। किसी एजेंसी को जो पास जारी करना है, वह अविलंब प्रदान किया जाए।
केंद्रीय खाद्य आपूर्ति मंत्री राम विलास पासवान का कहना है कि अब हमारी प्राथमिकता देश के हर हिस्से में खाद्यान्न पदार्थों की सप्लाई सुनिश्चित करना है। लॉकडाउन की वजह से विभिन्न राज्यों में अब खाद्यान्न पदार्थों की आपूर्ति प्रभावित होने लगी है।
इस वजह से कालाबाजारी भी एक बड़ी समस्या बन सकती है। ऐसे में अब खाद्यान्न पदाथों की सप्लाई सुनिश्चित करने पर खास ध्यान दिया जा रहा है।
तैयार हो रहीं 5 हजार मालगाड़ियां, उत्तर से दक्षिण के सभी ट्रैक किए दुरुस्त
उत्तर रेलवे के एक अधिकारी का कहना है कि हमें लॉकडाउन 2.0 के दौरान करीब पांच हजार मालगाड़ी तैयार करने के लिए कहा गया है। ये कब और किन रूट पर जाएंगी, यह आदेश बाद में जारी होगा। फिलहाल हमने उत्तर भारत से दक्षिण की ओर जाने वाले सभी ट्रैक दुरुस्त कर दिए हैं।
इंजन और खाली डिब्बे दौड़ाकर ट्रैक की जांच की गई है। कुछ स्पेशल ट्रेन भी हमारे शेड्यूल में हैं। इनका इस्तेमाल कहां पर और कैसे होगा, अभी यह कहना मुश्किल है। हो सकता है कि पहले चरण में ये ट्रेन सुरक्षा बलों को लाने के लिए चलाई जाएं।
बता दें कि केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के करीब बीस फीसदी जवान जो लॉकडाउन से पहले छुट्टी पर गए हुए थे, अब उन्हें वापस लाया जाएगा।कोरोना के चलते इन जवानों की छुट्टियाँ बढ़ा दी गई थी। अधिकारी के अनुसार, स्पेशल ट्रेन से सोशल डिस्टेंसिंग का ट्रायल भी हो जाएगा।