नई दिल्ली: निजामुद्दीन की तबलीगी जमात से अब तक 1888 लोगों को निकाला जा चुका है। 441 लोगों को क्वारंटीन किया गया है। इस मामले में लॉकडाउन के बावजूद हज़ारों लोगों को इकट्ठा करने के लिए जमात के सात-आठ लोगों पर एफआईआर भी दर्ज की गई है। इस बीच दिल्ली पुलिस ने एक चिट्ठी भेजकर स्वास्थ्य मंत्रालय को दिल्ली की 18 मस्जिदों की लिस्ट दी है, जहां तबलीगी जमात के मरकज़ के जुडे लोग ठहरे थे। इसके अलावा मरकज़ से जुड़े जो लोग देश के अलग-अलग हिस्सों में गए, उनको भी कोरोना होने की ख़बरें मिल रही हैं। तमिलनाडु में कोरोना के 50 नए मरीज़ मिले, जिनमें 45 यहीं से गए थे। इस बीच निज़ामुद्दीन के एसएचओ का वीडियो सामने आया है, जो 23 मार्च का है। इस वीडियो में एसएचओ मरकज़ के लोगों को समझाने की कोशिश कर रहे हैं कि कोरोना कितना खतरनाक है और इसके चलते ये जगह जल्द से जल्द खाली कराई जानी चाहिए।
23 मार्च को दिल्ली के निज़ामुद्दीन इलाके की मरकज़ के मौलानाओं के डांटते एसएचओ निज़ामुद्दीन मुकेश वालियान मौलाना बता रहे हैं मरकज़ में बस 1हज़ार लोग हैं ,लेकिन निकले करीब 2हज़ार,वो कह रहे हैं 4 दिन से मैं आपको समझा रहा हूँ लेकिन आप समझ नहीं रहे हैं#coronavirusindia #Lockdown21 pic.twitter.com/amrPgAfr0c
— Mukesh singh sengar मुकेश सिंह सेंगर (@mukeshmukeshs) March 31, 2020
इससे पहले तबलीगी जमात की तरफ से जारी बयान में कहा गया था कि जब भारत में जनता कर्फ्यू का ऐलान हुआ, उस वक्त बहुत सारे लोग मरकज में रह रहे थे। 22 मार्च को प्रधानमंत्री ने जनता कर्फ्यू का ऐलान किया। उसी दिन मरकज को बंद कर दिया गया। बाहर से किसी भी आदमी को नहीं आने दिया गया। जो लोग मरकज में रह रहे थे उन्हें घर भेजने का इंतजाम किया जाने लगा। 21 मार्च से ही रेल सेवाएं बन्द होने लगी थी, इसलिए बाहर के लोगों को भेजना मुश्किल था। फिर भी दिल्ली और आसपास के करीब 1500 लोगों को घर भेजा गया। अब करीब 1000 लोग मरकज में बच गए थे।
उन्होंने बताया कि जनता कर्फ्यू के साथ-साथ 22 मार्च से 31 मार्च तक के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री ने लॉकडाउन का ऐलान किया। इस वजह से बस या निजी वाहन भी मिलने बंद हो गए। लोगों को उनके घर भेजना मुश्किल हो गया। ये लोग पूरे देश से आए हुए थे। प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री का आदेश मानते हुए लोगों को बाहर भेजना सही नहीं समझा। उनको मरकज में ही रखना बेहतर था।
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24 मार्च को अचानक SHO निज़ामुद्दीन ने हमें नोटिस भेजा की हम धारा 144 का उल्लंघन कर रहे हैं। हमने उसी दिन उनको जवाब दिया कि मरकज को बन्द कर दिया गया है। 1500 लोगों को उनके घर भेज दिया गया है। अब 1000 बच गए हैं जिनको भेजना मुश्किल है, क्योंकि ये दूसरे राज्यों से आए हैं। हमने ये भी बताया कि हमारे यहां विदेशी नागरिक भी हैं।