Corona virus live: इटली में ही क्यों सबसे ज़्यादा मौतें ?

Corona virus live: इटली में ही क्यों सबसे ज़्यादा मौतें ?

इटली में ही क्यों सबसे ज़्यादा मौतें
इटली में ही क्यों सबसे ज़्यादा मौतें

सत्यकेतन समाचार: कोरोना वायरस संक्रमण के कारण इटली में अब तक नौ हज़ार से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 80 हज़ार से अधिक लोग संक्रमित हैं। यह दुनिया के किसी भी देश की तुलना में कहीं ज़्यादा है।

इटली के प्रधानमंत्री जिजेज़्पी कौंटे ने देश को आश्वास्त दिया है कि इटली में लगाए गए वर्तमान आपातकाल कि मियाद जो कि तीन अप्रैल को ख़त्म हो रही है, उससे पहले ही वहां के लोग सामान्य ज़िदगी जीने लगेंगे।

लेकिन जिस तरह के आँकड़े इटली से आ रहे हैं, उससे फ़िलहाल स्थिति संभलती नहीं दिख रही है। इटली का लोम्बार्डी इलाक़ा सबसे अधिक संकटग्रस्त है। लोम्बार्डी में ही पिछले 24 घंटों में कुल 541 लोगों की मौत हुई है।

इटली में स्थिति फ़िलहाल ऐसी है जहां मुर्दा घर शवों से भर गए हैं और मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।

लेकिन कोरोना वायरस का संक्रमण इटली में इस स्तर पर कैसे पहुंच गया? क्या वजह है कि यूरोप के किसी भी दूसरे देश की तुलना में कोरोना वायरस इटली में अधिक तेज़ी से फैल रहा है और नौ हज़ार से अधिक लोगों की जान ले चुका है।

इटली में आधिकारिक तौर पर कोरोना वायरस संक्रमण की शुरुआत 20 फ़रवरी से हुई। जब एक 38 वर्षीय शख़्स ने लोम्बार्डी के कोडोग्नो कस्बे में अपनी जांच करायी। जब जांच रिपोर्ट आई तो यह व्यक्ति कोरोना वायरस से संक्रमित पाया गया। यह इटली का पहला आधिकारिक तौर पर दर्ज कोविड-19 केस था।

हालांकि कुछ स्वास्थ्य अधिकारी ये मानते हैं कि इटली में इस वायरस का प्रवेश बहुत पहले हो गया था।

http://l1e.d8f.myftpupload.com/coronavirus-live-counter/

इटैलियन नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ हेल्थ में डिपार्टमेंट ऑफ़ इंफ़ेक्शियस डिज़ीज़ के एक शोधकर्ता के मुताबिक़, “इटली में यह वायरस काफ़ी वक़्त पहले ही पहुंच चुका था।”

वो कहते हैं, “ये ठीक उसी दौरान हुआ जब हम इंफ़्लुएंजा के सबसे ख़राब दौर से जूझ रहे थे और लोग इंफ़्लुएंज़ा के लक्षणों के साथ सामने आ रहे थे।”

इटली में पहला केस आने से पहले देश के उत्तरी हिस्से में न्यूमोनिया के कई मामले थे। यह आधिकारिक तौर पर पुष्ट है क्योंकि लोम्बार्डी के कोडोग्नो कस्बे के अस्पताल में कई ऐसे मामले आए थे जिसमें लोगों को निमोनिया की शिकायत थी।

ऐसे में संभव है कि जो लोग इलाज के लिए आए हों वो वायरस से संक्रमित रहे हों लेकिन उनका इलाज वायरस संक्रमण समझकर नहीं बल्कि फ्लू या फिर निमोनिया पीड़ित समझकर किया गया हो। ऐसे में ये लोग वायरस के प्रसार के कारण हो सकते हैं।

लोम्बार्डी का उत्तरी क्षेत्र इस वायरस से सबसे बुरी तरह प्रभावित है। पूरे देश के संक्रमित लोगों में से 85 फ़ीसदी इस क्षेत्र से हैं और जितनी मौतें इटली में हुई हैं उनमें से 92 फ़ीसदी मौतें इस इलाक़े से हैं।

लेकिन इसका मतलब ये बिल्कुल भी नहीं है कि इटली का सिर्फ़ यही इलाक़ा वायरस की चपेट में है। इटली के सभी 20 प्रांत में संक्रमण के मामले दर्ज किए गए हैं।

इटली में इतनी मौत की वजह क्या है?
कुछ अधिकारियों का मानना है कि क्योंकि यह वायरस बिना पहचान में आए फैलता रहा। इस वजह से अब संक्रमण बढ़ने पर इटली में हर रोज़ सैकड़ों की संख्या में मौतें हो रही हैं।

http://l1e.d8f.myftpupload.com/corona-virus-more-than-6000-people-of-delhi-completed-the-quarantine/

इटली के एक स्वास्थ्य अधिकारी रिकार्डो के मुताबिक़, “जब यह फैलना शुरू हुआ तो हमें इसके बारे में पता नहीं चला। इसका मतलब यह हुआ कि जिस समय हमें इस बात का अहसास हुआ कि यह फैल रहा है, उस समय तक यह इटली में एक चेन के रूप में फैल चुका था।”

रिकार्डो मानते हैं कि यही वो वजह है जिसकी वजह से इटली फ़िलहाल के समय में इतनी बड़ी संख्या में अपने लोगों को खोता जा रहा है।

हालांकि कुछ अधिकारी ये भी मानते हैं कि चूंकि इटली में किसी भी यूरोपीय देश की तुलना में अधिक टेस्ट किए जा रहे हैं इसलिए यहां संक्रमित लोगों की संख्या इस क़दर बढ़ती हुई दिख रही है।

नेशनल हेल्थ इंस्टिट्यूट के मुताबिक़, इटली में अभी तक कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से जितने लोगों की मौत हुई है अगर उनकी औसत उम्र निकालें तो यह 81 बरस आती है।

यूनाइटेड नेशंस (यूएन) के मुताबिक, जापान के बाद इटली दूसरा ऐसा देश है जहां सबसे ज्यादा बुज़ुर्ग हैं। इसका मतलब यह भी है कि अगर ये लोग कोरोना की चपेट में आ जाते हैं तो इनके गंभीर बीमार होने का सबसे ज़्यादा ख़तरा है।

इटली में हो रही मौतों की एक बड़ी वजह ये भी देखी जा रही है कि इटली में दुनिया की एक बड़ी बुज़ुर्ग आबादी बसती है। कोरोना वायरस के संदर्भ में अभी तक जो जानकारी मिली है उसके हिसाब से इस वायरस के संक्रमण का सबसे अधिक ख़तरा बुज़ुर्गों को है। इटली में एक बहुत बड़ी आबादी है जो 65 पार है।

एक ओर जहां कुछ जानकार संक्रमण के बढ़ते मामलों को टेस्ट किए जा रहे सैंपल से जोड़कर देख रहे हैं वहीं कुछ जानकार मानते हैं कि मौत की जो दर फ़िलहाल इटली में है वो कहीं अधिक हो सकती है।

उनकी दलील है कि ये दर सिर्फ रिपोर्ट किए गए मामलों के आधार पर है जबकि दूर-दराज़ के इलाक़ों में बहुत से मामले ऐसे हो सकते हैं जो कहीं भी रजिस्टर ही ना हों।

लोम्बार्डी में बुज़ुर्गों के लिए क्लिनिक चलाने वाले एक डॉ। कासानी के मुताबिक़, उत्तरी इटली की आबादी और आबादी का प्रकार एक बड़ा कारण हो सकता है।

वायु गुणवत्ता की जांच करने वाली स्विस एयर मॉनिटरिंग प्लेटफॉर्म आईक्यूएयर के मुताबिक़, यूरोप के सबसे प्रदूषित सौ शहरों में से 24 शहर इटली के हैं।

जानकार मानते हैं कि ऐसे में वायरस के संक्रमण की वजह से सांस लेने में तक़लीफ, मृत्यु दर और प्रदूषित हवा भी एक अहम कारण हो सकता है।

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