
Corona affected countries, सत्यकेतन समाचार : खतरनाक कोरोना वायरस से डर कर विदेशों से भाग लोग यहां आकर गायब हो गए हैं। उनका पता नहीं मिलने के कारण उनको खोजना मुष्किल होता जा रहा है। पूरे प्रदेश में अब तक करीब 1100 लोग प्रभावित देशों से आ चुके हैं। इनमें अकेले 500 का पता भोपाल का है, लेकिन इनमें करीब 30 फीसदी लोग खोजने पर भी नहीं मिल रहे हैं। इसकी वजह यह है कि उनके पासपोर्ट में लिखा पता बदल गया है। फोन नंबर भी सभी में नहीं है। प्रभावित देशों से आने वालों की सूची एयरपोर्ट अथॉरिटी के माध्यम से स्वास्थ्य संचालनालय को भेजी जाती है। इस सूची में पता पासपोर्ट में दर्ज पते के अनुसार होता है। इसके बाद संचालनालय द्वारा दिए गए पतों के अनुसार संबंधित जिलों के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को सूची भेजी जाती है। भोपाल में अब तक 500 लोगों की सूची आ चुकी है। स्वास्थ्य विभाग की टीम जब उनके पतों पर पहुंची तो पता चला कि वह कई साल पहले उस पते से जा चुके हैं। कुछ ऐसे भी मिले हैं जिनका पता तो मिल जाता है, पर वह भोपाल आने की जगह दूसरी जगह रुक जाते हैं। यह कहानी किसी एक यात्री की नहीं बल्कि करीब 150 लोगों की है।
भोपाल में स्वास्थ्य विभाग के अफसर ने बताया कि जो दिए गए पते में नहीं मिल रहे, उनका नया पता आसपास के लोगों से पूछकर संबंधित जिलो के सीएमएचओ को उनकी जानकारी भेजी जाती है। प्रभावित देशों से भोपाल में आने वाले लोगों को क्षेत्र के अनुसार 8 जोन में बांट दिया गया है। हर जोन के लिए एक अधिकारी नियुक्त है। उसके नीचे कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। हर एक संदिग्ध की निगरानी का जिम्मा किसी न किसी कर्मचारी को दिया गया है। वह फोन व वाट्सएप पर उसकी जानकारी लेते हैं। साथ ही डॉक्टरों की टीम भी उनके घरों में जाकर निगरानी करती है। कोरोना वायरस का संक्रमण दुनिया भर के 168 देशों में फैल चुका है। मप्र में एक दिन पहले तक एक भी मरीज नहीं था। इस कारण प्रदेश के ऐसे लोग जो दूसरे देशों में रह रहे हैं, वह कोरोना के डर से वहां से भागकर मप्र से आ रहे हैं। इन यात्रियों को 14 दिन तक घरों में ही अलग रखने की सलाह दी जा रही है।
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