12वीं की बोर्ड परीक्षा रद्द होने के बाद कैसे होगा यूनिवर्सिटी में एडमिशन, क्या है प्रोसेस

12वीं की बोर्ड परीक्षा रद्द होने के बाद कैसे होगा यूनिवर्सिटी में एडमिशन, क्या है प्रोसेस

रितेशु सेन, Admission Process in Covid 19: भारत में 12वीं की परीक्षा के विषय में काफी लंबे वक़्त से चर्चा चल रही थी. जिसपर 1 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वार्तालाप बैठक में इस अविराम चर्चा पर पूर्णविराम लग गया. और CBSE की 12वीं की परीक्षा को रद्द करने का अहम फैसला लिया गया. CBSE (The Central Board of Secondary Education) के इस बड़े फैसले के बाद CISCE (Council for the Indian School Certificate Examinations) ने भी 12वीं के बोर्ड एग्जाम को रद्द कर दिया। यहीं नहीं, इसके बाद मध्य प्रदेश, हरयाणा और गुजरात जैसे राज्यों ने भी बारहवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा पर रोकथाम का ऐलान कर दिया।

राष्ट्र प्रधानमंत्री समेत सभी आधिकारिक लोगों का कहना है कि, “हमारे लिए बच्चों का सेहतमंद और सुरक्षित रहना ही प्राथमिक है. कोरोना की ऐसी भयावह तस्वीरों के बीच हम बच्चों के दिमाग़ पर किसी भी प्रकार का तनाव नहीं दे सकते। परीक्षाओं को लेकर बच्चों की जान को ज़ोखिम में नहीं डाला जा सकता है. और ना ही हम बच्चों का साल बर्वाद होने दे सकते। अब क्यूंकि, 12वीं कक्षा ही बच्चों के भविष्य की दिशा को तय करती है. इसलिए, उन्हें बगैर परीक्षा के ही प्रमोट करना होगा।” इसी विचार-विमर्श के साथ 12वीं कक्षा की परीक्षा को रद्द करने का निर्णय लिया गया.

आखिर कैसे होगा ग्रेजुएशन में एडमिशन?

जब स्टूडेंट्स ट्वेल्थ पास आउट कर के ही यूनिवर्सिटी या कॉलेज में एडमिशन लेते हैं. और इस बार परीक्षा पर रोक होने के नाते, बच्चों के नतीजे बोर्ड अपने क्राइटेरिया अनुसार जारी करेगा। तो अब यहाँ सवाल यह उठता है कि, बच्चे यूनिवर्सिटी में एडमिशन लेंगे कैसे? और एडमिशन के लिए एंट्रेंस एग्जाम होगा भी या नहीं? अगर ऐसा नहीं तो एडमिशन की प्रक्रिया होगी क्या आखिर? इन्ही किस्म के दर्जनों सवालों ने बच्चों के दिल-ओ-दिमाग़ पर अपना कब्ज़ा करना शुरू कर दिया है.

फ़िक्र की कोई बात नहीं है, हम बच्चों के इन्ही सवालों का जवाब लेकर आए हैं. देखिये सबसे पहली और अहम बात यह है कि, अनेकों ऐसे कॉलेजेस हैं जहाँ एडमिशन के लिए आवेदन करते समय रिजल्ट की आवश्यकता नहीं होती। यानि, परिणाम घोषित होने के बाद स्टूडेंट्स अपनी मार्कशीट कॉलेज में सब्मिट करवा सकते हैं. दूसरी बात यह है कि, कई कॉलेजों में एडमिशन प्रक्रिया अगस्त- सितम्बर तक जारी रहती है. और ऐसा अनुमान है कि, जुलाई तक CBSE की 12वीं कक्षा का रिजल्ट आ जाएगा।

DU, JNU ने बताया कैसे होगा यूनिवर्सिटी में एडमिशन

वहीँ अब दिल्ली विश्वविद्यालय और अन्य यूनिवर्सिटीज की बात करें तो, कुछ विश्वविद्यालयों ने एडमिशन की प्रक्रिया के बारे में ज़िक्र किया है. जिसमे दिल्ली यूनिवर्सिटी के एक्टिंग वाइस चांसलर पीसी जोशी ने इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए कहा है कि, “भारत सरकार ने कोरोना सर्वव्यापी महामारी के मद्देनज़र जो फैसला लिया है. हम उसका पूर्ण समर्थन करते हैं.” साथ ही दिल्ली युनिवेर्सिटी ने यह स्पष्ट कर दिया कि, बच्चों के एडमिशन मेरिट बेस पर ही लिए जाएंगे। अर्थार्त, डी.यू. में प्रवेश करने के लिए इस बार एंट्रेस एग्जाम नहीं कंडक्ट कराए जाएंगे। यहाँ स्टूडेंट्स के लिए राहतभरी खबर यह है कि, रिजल्ट के लिए बोर्ड जो भी क्राइटेरिया तय करने वाले हैं, डी.यू. उसका स्वागत करेगा।

इसके अलावा, जेएनयू (जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय) ने भी स्टेन्डेंट्स के लिए राहतभरी घोषणा की है. जेएनयू का कहना है कि, वह बच्चों को तनाव नहीं देंगे, स्थिति जब भी सामान्य होगी तभी वह एग्जाम कंडक्ट कराएंगे। वीसी एम. जगदीश कुमार ने बयान जारी कर कहा कि, जेएनयू जैसे अधिकांश उच्च शिक्षण संस्थानों में एंट्रेस एग्जाम के जरिए ग्रेजुएशन कोर्स में एडमिशन होता है. इसलिए जब भी माहौल छात्रों के लिए सुरक्षित होगा, तभी हम प्रवेश परीक्षा आयोजित करेंगे. अगर परिस्थिति को सामान्य होने में ज़्यादा देरी हो जाती है तो आगे के एकेडमिक ईयर को उसी हिसाब से एडजस्ट किया जाएगा. जेएनयू के वीसी ने कहा कि छात्रों की सुरक्षा सबसे अधिक महत्वपूर्ण है. महामारी के दौरान सामने आने वाली चुनौतियों से परेशान होने की बजाय हमें उनका समाधान खोजने की जरूरत है.