World Tribal Day 2020: जानें क्यों और कैसे मनाया जाता है विश्व आदिवासी दिवस

World Tribal Day 2020: जानें क्यों और कैसे मनाया जाता है विश्व आदिवासी दिवस

World Tribal Day 2020: जानें क्यों और कैसे मनाया जाता है विश्व आदिवासी दिवस
World Tribal Day 2020: जानें क्यों और कैसे मनाया जाता है विश्व आदिवासी दिवस

World Tribal Day 2020: हर साल 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस के रूप में पहचाना जाता है. 9 अगस्त 1982 को संयुक्त राष्ट्र संघ (UNO) ने आदिवासियों की अच्छाई के लिए के एक कार्यदल गठित किया था. जिसके बाद से ही संयुक्त राष्ट्र संघ (UNO) ने अपने सदस्य देशों को हर वर्ष 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस मनाने की घोषणा की.

कैसे बना आदिवासी शब्द

आदिवासी शब्द दो शब्दों “आदि” और “वासी” से मिलकर बना है और इसका अर्थ मूल निवासी होता है. भारत की जनसंख्या का 8.6% यानी कि लगभग (10 करोड़) जितना बड़ा एक हिस्सा आदिवासियों का है. भारतीय संविधान में आदिवासियों के लिए ‘अनुसूचित जनजाति’ पद का इस्तेमाल किया गया है.

भारत के प्रमुख आदिवासी समुदायों में जाट, गोंड, मुंडा, खड़िया, हो, बोडो, भील, खासी, सहरिया, संथाल, मीणा, उरांव, परधान, बिरहोर, पारधी, आंध,टोकरे कोली, महादेव कोली,मल्हार कोली, टाकणकार आदि शामिल हैं.

जब 21वीं सदी में संयुक्त राष्ट्र संघ (UNO) ने महसूस किया कि आदिवासी समाज उपेक्षा, बेरोजगारी एवं बंधुआ बाल मजदूरी जैसी समस्याओं के साथ जिंदगी जी रहे हैं, तभी इन समस्याओं को सुलझाने, आदिवासियों के मानवाधिकारों को लागू करने और उनके संरक्षण के लिए इस कार्यदल का गठन किया गया था। (UNWGIP).

बता दें पूरी दुनिया में 9 अगस्त को ‘विश्व आदिवासी दिवस‘ बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता हैं. और इस साल भी मनाया जाएगा. इसके लिए आदिवासी समाज ने अभी से तैयारियां शुरू कर दी हैं हालांकि कोरोना महामारी के कारण बड़े सामाजिक आयोजन नहीं किए जा सकते. आपको जानकर हैरानी होगी कि भारत सरकार द्वारा 2011 में हुई जनगणना के मुताबिक, राजस्थान में आदिवासी वर्ग के लोगों की संख्या राजस्थान की कुल आबादी का 12.6% (86 लाख) थी.

देश के विभिन्न राज्यों में इतनी है आदिवासी आबादी –

  • उत्तर प्रदेश 0.07 %
  • बिहार 0.99 %
  • पश्चिम बंगाल 5.49 %
  • झारखंड 26.2 %
  • शिक्किम 33.08%
  • त्रिपुरा 31.08 %
  • असम 12.04 %
  • मेघालय 86.01%
  • मिजोरम 94.04 %
  • नगालैंड 86.05 %
  • मनीपुर 35.01 %
  • अरूणाचल 68.08 %

भातीय संविधान में क्या है आदिवासियों का पद

बता दें कि भारतीय संविधान में आदिवासियों के लिए ‘अनुसूचित जनजाति’ पद का प्रयोग किया गया है. देश के प्रमुख आदिवासी समुदायों में बोडो, भील, उरांव, परधान, खासी, सहरिया, संथाल, मीणा, जाट, गोंड, मुंडा, खड़िया, हो, बिरहोर, पारधी, आंध, मल्हार कोली, टाकणकार, टोकरे कोली और महादेव कोली आदि शामिल हैं.

9 August : देश और दुनिया के महत्वपूर्ण इतिहास में 9 अगस्त

https://think4india.com/9-august-important-history-of-the-country-and-the-world/

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *