स्कूल संचालकों ने सरकार के खिलाफ भरी हुंकार, सड़कों पर उतरे 500 स्कूल संचालक

नई दिल्ली, सत्यकेतन समाचार। दिल्ली के प्राइवेट स्कूलों के संचालकों ने सोमवार को केजरीवाल सरकार के खिलाफ एकजुटता दिखाते हुए सड़कों पर उतरकर विशाल विरोध प्रदर्शन किया। दिल्ली के पांच स्कूली संगठन एप्सा, दिसा, निसा, पीएलपीएस और साउथ दिल्ली एसोसिएशन के नेतृत्व में दिल्ली भर से करीब 500 प्राइवेट स्कूल संचालकों ने केजरीवाल सरकार के खिलाफ हुंकार भरी। स्कूल संचालकों ने गले में बेड़ियां और ताले लटकाकर प्रदर्शन किया।

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अफॉर्डेबल प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन (एप्सा) के अध्यक्ष लक्ष्य छाबड़िया ने कहा केजरीवाल सरकार को जल्द से जल्द प्राइवेट स्कूलों का ईडब्ल्यूएस रेमबर्समेंट रिलीज करना चाहिए। स्कूल आर्थिक तंगी से गुजर रहे बहुत से स्कूल बंद होने की कगार पर आ गए हैं इस राशि से टीचर्स को सैलरी देने में सहायता मिलेगी। डेवलपिंग इंडिपेंडेंट स्कूल अलायंस (डिसा) के अध्यक्ष सत्यवीर सिंह मावी ने कहा दिल्ली सरकार हर साल 51160 गरीब बच्चों को ईडब्ल्यूएस कोटे में प्राइवेट स्कूलों में दाखिला दिलाती है। इस साल यह प्रक्रिया शुरू ही नहीं की गई है। इस प्रक्रिया को जल्द से जल्द शुरू किया जाए।

प्रेमचंद देशवाल प्रेसिडेंट प्राइवेट लैंड पब्लिक स्कूल एसोसिएशन ने कहा हम गांव देहात में स्कूल चलाते हैं गरीब स्कूल है हम आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं पेरेंट्स फीस नहीं दे पा रहे हैं स्कूल टीचर्स को सैलरी नहीं दे पा रहे हैं हम बंद होने की कगार पर आ गए हैं सरकार हमें आर्थिक मदद दे। अभिभावकों को आर्थिक पैकेज दे ताकि अभिभावक अपने बच्चों की फीस जमा करा पाए।

नेशनल इंडिपेंडेंट स्कूल अलायंस (निसा) के अध्यक्ष कुलभूषण शर्मा ने कहा जब यूपी और पंजाब जैसे बड़े राज्यों में छठी से 12वीं क्लास तक स्कूल खुल चुके हैं तो दिल्ली में क्या परेशानी है स्कूल पेरेंट्स की कंसेंट और सरकार के दिशानिर्देशों का पालन करते हुए बच्चों का शैक्षणिक कार्य करेंगे स्कूल ना जाने से बच्चों का मानसिक व शारीरिक विकास रुक गया है।

साउथ दिल्ली पब्लिक स्कूल्स मैनेजमेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल गोयल ने कहा दिल्ली सरकार सरकारी स्कूलों में 1 बच्चे पर 82966 सालाना खर्च करती है। 14,99,777 बच्चे दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ते हैं और प्राइवेट स्कूलों में लगभग 14 से 15 लाख बच्चे पढ़ते हैं अगर दिल्ली सरकार हर एक प्राइवेट स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे को 3500 रुपए का प्रतिमा प्रत्येक बच्चे को वाउचर दे दे तो पेरेंट्स पर स्कूल की फीस जमा करने का बोझ भी नहीं पड़ेगा और दिल्ली के हर एक बच्चे को मुफ्त शिक्षा का अधिकार मिल जाएगा।