
ग्रह (संस्कृत के ग्रह से – पकड़ना, कब्जे में करना) माता भूमिदेवी (पृथ्वी) के प्राणियों पर एक ‘ब्रह्मांडीय प्रभावकारी’ है। हिन्दू ज्योतिष में नवग्रह (संस्कृत: नवग्रह, नौ ग्रह या नौ प्रभावकारी) इन प्रमुख प्रभावकारियों में से हैं।
राशि चक्र में स्थिर सितारों की पृष्ठभूमि के संबंध में सभी नवग्रह की सापेक्ष गतिविधि होती है। इसमें ग्रह भी शामिल हैं: मंगल, बुध, बृहस्पति, शुक्र, और शनि, सूर्य, चंद्रमा, और साथ ही साथ आकाश में अवस्थितियां, राहू (उत्तर या आरोही चंद्र आसंधि) और केतु (दक्षिण या अवरोही चंद्र आसंधि)।
आइए जानते हैं प्रत्येक ग्रह (Planets) का सम्बन्ध उसके लिंग के साथ
चरित्र सम्बंधित लिंग
सूर्य देव नर
चंद्र मादा
मंगल नर
बुध तटस्थ
गुरु (बृहस्पति) नर
शुक्र मादा
शनि तटस्थ
राहू (उत्तर आसंधि) नर
केतु (दक्षिण आसंधि) उभयलिंगी