Corona Virus: इस ब्लड ग्रुप के लोगों को कोरोना संक्रमित होने का सबसे ज्यादा ख़तरा, रिसर्च में हुआ खुलासा

Corona Virus: इस ब्लड ग्रुप के लोगों को कोरोना संक्रमित होने का सबसे ज्यादा ख़तरा, रिसर्च में हुआ खुलासा

नई दिल्ली, रितेशु सेन। कोरोना महामारी के मामले हर आए दिन बड़ी ही तेज़ी से फ़ैल रहें हैं. दुनियाभर के लोग इस वैश्विक रोग से उभरने के प्रयास में जुटे हैं. इसी बीच एक सर्वेक्षण के अनुसार यह अनुमान लगाया जा रहा है कि कोरोना बीमारी का खतरा सबसे अधिक इन कुछ ब्लड ग्रुप के लोगों में होता है. इसके अलावा कुछ ऐसे भी ब्लड ग्रुप के लोग होते हैं जो इस बीमारी से परे हैं.

चलिए विस्तार जानते हैं कि किन लोगों में कोविड 19 का खतरा सबसे ज़्यादा होता है.

काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च (CSIR) ने हाल ही में एक शोध किया है. जिसके मुताबिक, यह देखने को मिला है कि, कोरोना रोग होने के खतरा सबसे अधिक AB और B ब्लड ग्रुप वाले लोगों में होता है. ऐसा इसलिए क्यूंकि, अन्य ब्लड ग्रुप वाले लोगों की तुलना में यह लोग ज़्यादा संवेदनशील होते हैं. शोधकर्ताओं के अनुसार, उन्होंने इस परिक्षण के लिए 10 हजार से अधिक लोगों के ब्लड के सैंपल लिए थे. और इस पूरे डेटा को मेन्टेन करने से पहले सैंपल की जाँच करने एवं विश्लेषण के लिए देशभर के करीब 140 डॉक्टर्स शामिल थे. जिनका कहना है कि, AB और B रक्त वर्ग के सैम्पल्स में कोरोना के लक्षण अधिक मौजूद थे.

रिपोर्ट में किया गया खुलासा

इस सर्वेक्षण को पूरा करने के बाद डॉक्टर्स ने मुख्य 2 दावा किया है.

  • पहला यह कि, कोरोना वायरस के फैलना का खतरा सबसे अधिक AB और B ब्लड ग्रुप के लोगों में होता है. जिसका कारण उनका अधिक संवेदनशील होना होता है. इसके अलावा, ऐसे किसी भी संक्रमित वायरस का O रक्त वर्ग वाले लोगों में प्रवेश करने का चांस कम होता है. क्यूंकि, O ब्लड ग्रुप वाले लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता अधिक उत्तेजित होती है.
  • दूसरा यह कि, मांसाहारी भोजन का अधिक सेवन करने वाले लोगों में अन्य लोगों के मुकाबले कोरोना रोग के बढ़ने का खतरा ज़्यादा रहता है.रिपोर्ट में बताया गया कि, मांसाहारी लोग अत्यधिक संवेदनशील होते हैं। जबकि, शाकाहारी भोजनों में फाइबर युक्त सामग्री होती है, जिसे एक तरह से एंटी इंफ्लेमेटरी गुण युक्त भोजन भी कहा जाता है.

क्या कहना है डॉक्टर्स का ?

इस विषय पर आगरा के पैथोलॉजिस्ट डॉक्टर अशोक शर्मा इंडिया टुडे चैनल से बात करते हुए कहते हैं कि, “किसी भी व्यक्ति का जल्दी या देर से बीमार होना और अन्य सभी चीज़े इंसान के जेनेटिक स्ट्रक्चर पर डिपेंड करता है. जैसे कि, थैलेसीमिया से पीड़ित लोग मलेरिया से शायद ही कभी प्रभावित होते हैं। यही कारण होता है कि कई बार घर के पूरे सदस्य कोरोना या और किसी रोग से प्रभावित हो जाते हैं लेकिन 1 सदस्य बिलकुल सही रहता है. यह सब आनुवंशिक संरचना (जेनेटिक स्ट्रक्चर) की ही वजह से संभव हो पाता है.”

साथ ही डॉक्टर अशोक शर्मा ने बयान में कहा कि, “ओ ब्लड ग्रुप वाले लोगों में एबी और बी समूहों की तुलना में इस वायरस के खिलाफ बेहतर प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया होती है. हालांकि इस अध्ययन पर अभी और ज्यादा स्टडी करने की आवश्यकता है.”