- गांवों में 55 फीसदी लोगों के पास ही स्मार्ट फोन
- हर बच्चे तक शिक्षा पहुंचाना बहुत बड़ी चुनौती
- कैसे करें विद्यार्थी ऑनलाइन पढ़ाई
- मुताबिक लखनऊ व वाराणसी के गांवों में 48 व 55 फीसदी लोगों के पास ही स्मार्ट फोन
Online education: देश के हर राज्य में सरकारी और निजी स्कूल सभी जगह खुब तेजी से ऑनलाइन पढ़ाई शुरू हो गई हैं. शहरों में शिक्षक तैयारियां कर रहे हैं और विद्यार्थी दिया हुआ काम पूरा करकर फोटो खींचकर शिक्षकों को भेज रहें हैं. लेकिन इन सबके बीच गांवों के वह बच्चे मायूस हैं जिनके पास ना ही तो स्मार्ट फोन है और ना ही घर में टीवी. ‘असर’ के एक सर्वे के मुताबिक लखनऊ व वाराणसी के गांवों में 48 व 55 फीसदी लोगों के पास ही स्मार्ट फोन है.
‘असर’ (एनुअल स्टेटस ऑफ एजुकेशन रिपोर्ट) 2019 अर्ली इयर के एक सर्वे में सामने आ चुका है कि वाराणसी में 97.3 फीसदी के पास मोबाइल फोन है और इनमें से 55.9 फीसदी के पास ही स्मार्ट फोन था. वहीं लखनऊ के गांवों में 94.7 के पास मोबाइल फोन और इनमें से 48.2 फीसदी के पास ही स्मार्ट फोन है. वहीं टीवी पर आने वाले शैक्षणिक कार्यक्रम की तैयारी है लेकिन लखनऊ में 61.5 और वाराणसी में 70.9 लोगों के पास ही टीवी है. ऐसे में हर बच्चे तक शिक्षा पहुंचाना बहुत बड़ी चुनौती है.
आपको बता दें कि सर्वे में यूपी से वाराणसी और लखनऊ को चुना गया गया था. सर्वे वाराणसी व लखनऊ के 60-60 गांवों में 1200-1200 घरों में किया गया और इसमें लखनऊ विवि और काशी विद्यापीठ के समाज कार्य विभाग का सहयोग लिया गया था. हालांकि इस सर्वेक्षण का उद्देश्य आठ वर्ष तक के बच्चों की योग्यताओं को जांचना था लेकिन इस दौरान कुछ अन्य जानकारियां भी जुटाई गई थीं.
सर्वे के अनुसार ही देखा जाए तो जब लखनाऊ और वाराणसी में 48 व 55 फीसदी लोगों के पास ही स्मार्ट फोन है. अगर पूरे देश की बात कि जाए तो ये बहुत अधिक होगा. देश में बहुत से गांव ऐसे भी हैं जहां बिजली भी किस्तों पर आती है. तो ऑनलाइन शिक्षा की बात तो वहां के लिए करना ही बेकार है. इस हिसाब से केन्द्र और राज्य सरकारों के लिए यह एक बहुत बड़ी चुनौती है कि देश के हर गांव हर बच्चे तक शिक्षा पुहंचाई जाए.