अदिति कॉलेज में ‘सबका साथ-सबका विकास’ पर राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस

अदिति कॉलेज में ‘सबका साथ-सबका विकास’ पर राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस

नई दिल्ली, सत्यकेतन समाचार। दिल्ली विश्वविद्यालय के अदिति महाविद्यालय ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के संयुक्त तत्वावधान में एक राष्ट्रीय कॉन्फ़्रेन्स का आयोजन किया। इस कॉन्फ्रेंस के विषय का मूल उद्देश्य ‘सबका साथ-सबका विकास’ था। कॉन्फ़्रेन्स में राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के चेयरमैन विजय सांप्ला मुख्य अतिथि के तौर पर मौजूद थे। उनके साथ होम साइंस विभाग की प्रो. अनूपा सिंह, इंग्लिश विभाग के प्रो. अनिल कुमार अनेजा और कॉलेज की प्रिंसिपल प्रो. ममता शर्मा भी मौजूद थीं।

यूजीसी और अदिति महाविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में किया गया आयोजन

कॉन्फ़्रेन्स में विभिन्न विषय विशेषज्ञों द्वारा पेपर प्रस्तुतीकरण किया गया जिसमें मुख्य रूप से महिला सशक्तिकरण , वर्चूअल और ऑनलाइन माध्यम के कारण होने वाली स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं, हिंदी साहित्य में दिव्यांगों की परेशनियाँ, स्ट्रेस मैनेजमेंट आदि विषयों पर गम्भीरता व विस्तार से चर्चा हुई।

कॉन्फ़्रेन्स में बहुत से सकारात्मक पक्ष निकल कर सामने आए जो निश्चित रूप से बेहतर समाज और बेहतर भविष्य के लिए कारगर सिद्ध होंगे। नई शिक्षा नीति प्रत्यक्ष प्रमाण है कि कोई व्यक्ति, कोई वर्ग, अवसरों से वंचित न रहे। यही प्रयास ज़रूरी है।

कोविड के बाद हम बेहतर विश्व का निर्माण कैसे कर सकते है। महामारी से जो सबसे ख़तरनाक सबक़ मिला है वो यही है कि मनवाधिकारों का सम्मान करना किसी भी देश की सेहत दोरूस्त करने की सबसे अच्छी नीति है और इसी से यह तय होता है कि हम एक स्वस्थ समाज में रहते है या बीमार समाज में।

इस महामारी में विश्व अर्थव्यवस्था पर असर और उसमें सुधार के बीच फ़र्क़ साफ़ दिखता है। इस महामारी ने भयंकर संकट पैदा किए है तो साथ ही साथ नए अवसर भी प्राप्त हुए है। दुनिया भर के लोग अब इस बात को ले कर भी फ़िक्रमंद है कि कोविड के बाद की दुनिया कैसी होगी ? न्यू नॉर्मल क्या होगा साथ ही साथ कोविड ने हमें यही सबक़ भी दिया है कि समाज के कमजोर तबके के सामने जो जोखिम है उनकी अनदेखी नहीं की जा सकती, स्वास्थ्य व अन्य सेवाए सबके लिए है किसी एक के लिए नहीं। न्यू नॉर्मल में सबसे अधिक आवश्यकता इस बात की होगी कि हम कैसे समाज में सकारात्मक सोच को बढ़ावा दें।