नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में अब तीनों नगर निगम एक होंगे। काफी समय से इन तीनों निगमों को एक करने को लेकर चर्चाएं चल रही थी। दिल्ली के तीनों नगर निगमों (उत्तरी, दक्षिणी और पूर्वी) को एक करने को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा राज्य चुनाव आयुक्त को भेजे गए पत्र ने इन्हें एक करने संबंधी प्रस्ताव भेजा गया था। इसमें बताया गया था कि किस प्रकार से तीनों नगर निगमों के महापौर ने इन्हें एक करने का प्रस्ताव केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजा। आज इस प्रस्ताव पर मुहर लग गई।
तीनों निगमों को एक किए जाने के बाद अब राज्य चुनाव आयोग को वार्ड का आरक्षण फिर से तैयार करना होगा, क्योंकि अभी रोटेशन की यह प्रक्रिया तीनों निगमों के हिसाब से हुई है। राज्य चुनाव आयोग ने आरक्षण दक्षिणी और उत्तरी के 104-104 वार्ड और पूर्वी निगम के 64 वार्ड के हिसाब से तैयार किया है। तीनों निगम को एक किया जाता है तो 272 वार्ड के वार्ड नंबर बदल जाएंगे, जिनके कारण आरक्षण की स्थिति भी बदली जाएगी।
राज्य चुनाव आयोग ने बीते दिनों आरक्षण का जो आदेश जारी किया है, उससे भाजपा के साथ ही आम आदमी पार्टी व कांग्रेस के वर्तमान पार्षदों की सीट पर आरक्षण की स्थिति बदल गई थी जिसके कारण उनके अपनी सीट से चुनाव लड़ने पर संकट पैदा हो गया था। पुरुष पार्षदों की सीट महिलाओं के लिए आरक्षित हो गई थी जबकि सामान्य पार्षदों की सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हो गई थी।