बगदाद। इराक और अमेरिका के बीच जारी तनाव के बीच बगदाद के भारी किलेबंदी वाले ग्रीन जोन में एक बार फिर रॉकेट हमला हुआ है। इराकी सेना ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि बगदाद के ग्रीन जोन के अंदर दो कत्युशा रॉकेट दागे गए हैं। इराकी सेना ने कहा कि हमले में किसी तरह के नुकसान की खबर नहीं है। सूत्रों के मुताबिक, अमेरिकी दूतावास से करीब 100 मीटर की दूरी पर एक रॉकेट गिरा है। अभी किसी ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। इससे पहले 5 जनवरी को भी बगदाद के ग्रीन जोन में ईरान समर्थक मिलिशिया ने कत्युशा रॉकेट दागे थे। कुछ रॉकेट अमेरिकी दूतावास के अंदर भी गिरे थे। हमले के वक्त ग्रीन जोन के अंदर सायरन बज रहे थे। पुलिस ने बताया कि एक रॉकेट अमेरिकी दूतावास से करीब 100 मीटर की दूरी पर गिरा है। इराकी सेना ने कहा, ग्रीन जोन के अंदर दो कत्युशा रॉकेट गिराए गए हैं लेकिन कोई नुकसान नहीं हुआ है। बगदाद में सायरन के साथ दो तेज धमाकों की आवाज आई।
- किसी ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली
फिलहाल अभी किसी ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। बता दें कि इससे पहले बुधवार तड़के ईरान ने इराक स्थित अमेरिकी सेना कैंप में 22 बैलिस्टिक मिसाइल से हमला किया था। इसे ईरान ने शीर्ष कमांडर जनरल कासिम सुलेमानी की अमेरिकी ड्रोन हमले में मौत का बदला बताया था। इसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए बताया था कि हमले में किसी अमेरिकी की जान नहीं गई। इस दौरान ट्रंप ने ईरान से शांति की पेशकश करते हुए कहा था कि अमेरिका उन सभी के साथ शांति के लिए तैयार है, जो शांति चाहते हैं।
- टल गई तीसरी जंग की आहट
इराक में अमेरिकी ठिकानों पर ईरान के मिसाइल हमलों के बाद राष्ट्रपति ट्रंप के देश के नाम संबोधन पर सबकी निगाहें थीं। माना जा रहा था कि ट्रंप कुछ बड़ा ऐलान कर सकते हैं लेकिन अपने इस संबोधन में वह बेहद शांत मुद्रा में दिखाई दिए। ट्रंप ने ईरान के साथ शांति की पेशकश की और कहा कि ईरान के हमले का जवाब देने के लिए दूसरे विकल्प देख रहे हैं व आर्थिक प्रतिबंध लगाकर दंडित करेंगे। इससे माना जा रहा है कि ईरान के शीर्ष कमांडर जनरल कासिम सुलेमानी की मौत के बाद से दोनों देशों के बीच जारी तनातनी से तीसरे विश्वयुद्ध की सुगबुगाहट ट्रंप के शांति संदेश से फिलहाल टल गई है। इसे पश्चिम एशिया में तनाव कम करने के लिए अहम कदम माना जा रहा है।
- ईरान ने साधे एक साथ दो निशाने
अमेरिकी राष्ट्रपति के बयान में विशेषज्ञों की उस राय से सहमति दिखाई दी जिसमें कहा गया कि ईरान ने जानबूझकर ऐसा लक्ष्य चुना जहां कम नुकसान हो और चेतावनी का संदेश जाए। मिसाइल अटैक के जरिए एक ही समय में दो चालें चली। एक तरफ मिसाइल अटैक से अमेरिका को ज्यादा नुकसान नहीं भी हुआ, साथ ही अपने देश में संदेश देने का काम भी किया। ट्रंप ने कहा कि ईरान नरम होता प्रतीत हो रहा है, जो कि सभी पक्षों के लिए अच्छी बात है। ट्रंप ने यह भी कि वह ईरान को जवाब देने के लिए विकल्पों को देखेंगे और आर्थिक प्रतिबंध लगाकर ईरान को दंडित करेंगे।
- अमेरिकी संसद में वोटिंग
अमेरिकी संसद में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को ईरान के साथ युद्ध करने से रोकने के लिए वोटिंग होगी। यह बात स्पीकर नैन्सी पेलोसी ने कही। उन्होंने कहा कि ईरान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई करने के लिए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की शक्तियों में कटौती को लेकर सदन में गुरुवार को मतदान होगा। बता दें कि यह घोषणा तेहरान के अमेरिकी सैन्य अड्डों पर मिसाइलें दागने के एक दिन बाद बुधवार को सामने आई है। इससे पहले दिन में राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा था कि ईरान को सबक सिखाकर घुटनों पर लाने के लिए सैन्य कार्रवाई के बजाय और अधिक आर्थिक प्रतिबंध लगाकर दंडित किया जाएगा। स्पीकर पेलोसी ने एक बयान में कहा कि ट्रंप प्रशासन ने ईरान के शीर्ष जनरल, कासिम सुलेमानी की हत्या की, इससे उत्पन्न हुई गंभीर तनाव की स्थिति ने वहां मौजूद हमारे राजनयिकों, अधिकारियों—कर्मचारियों और अन्य आम नागरिकों को खतरे में डाल दिया।