
नई दिल्ली, रितेशु सेन। देश में कोरोना महामारी का प्रकोप फैला हुआ है. ऐसे में लोगों की शिकायतें आ रही है कि, शरीर में ऑक्सीजन स्तर के घटने के कारण कई संक्रमितों की जान चली जा रही है. जो कोरोना मरीज़ घर से इलाज करा रहे हैं या जो सामान्य व्यक्ति भी स्वस्थ महसूस नहीं कर रहे हैं. तो उनके लिए यह जान लेना ज़रूरी है कि, क्या उनके शरीर में ऑक्सीजन का सही प्रवाह हो भी रहा है या नहीं।
सबसे अहम् बात, शरीर में सही ऑक्सीजन लेवल कितना होता है?
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन द्वारा जारी किए गए निर्देशों के अनुसार, एक स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में ऑक्सीजन का सैचुरेशन लेवल 95 से 100 फीसदी के बीच होता है. अगर यह स्तर 95बे फिसद से नीचे हो तो, यह इस बात की ओर इशारा करता है कि आपकी शरीर की सभी कोशिकाएं ऑक्सीजन का प्रवाह नहीं कर पा रही हैं. और आपमें ऑक्सीजन की कमी होने लगी है. यहाँ पर, किसी की शरीर में ऑक्सीजन लेवल की कमी का मतलब है कि उस व्यक्ति की बॉडी को अपनी सामान्य क्रियाओं को सुचारू रूप से चलाने के लिए जितनी मात्रा में ऑक्सीजन चाहिए, उतनी मात्रा में ऑक्सीजन का ना मिल पाना।
चलिए, देखते हैं ऑक्सीजन की कमी के लक्षण क्या होते हैं?
किसी भी व्यक्ति के शरीर या रक्त में ऑक्सीजन प्रवाह स्तर की कमी के कई लक्षण होते हैं, जिनमे से कुछ आसानी से पहचाने भी जा सकते हैं. आमतौर पर, दिखने वाले लक्षणों की बात करें तो-
सिर का तेज़ दर्द होना
सांस लेने में कठिनाई या सांस का फूलने लगना
घरघराहट होना
बार बार खांसी उठना
सीने का दर्द बढ़ना
तेजी से दिल का धड़कना
थकान महसूस होना
भ्रम की स्थिति महसूस होना
चलने व उठने में समस्या
त्वचा, नाखूनों और होठों का नीला पड़ना
शरीर में ऑक्सीजन की कमी के कारण
विभिन्न प्रकार की स्थितियां और परिस्थितियां रक्त में ऑक्सीजन के सामान्य स्तर को वितरित करने की शरीर की क्षमता में हस्तक्षेप कर सकती हैं। जिनमें कई दफ़े इंसान की जीवनशैली काफ़ी अहम् भूमिका निभाती है. चलिए, देखते हैं उन कुछ सामान्य कारणों को जो ऑक्सीजन स्तर को कम कर देते हैं.
फेफड़ों की समस्याएं जैसे अस्थमा, वातस्फीति और ब्रोंकाइटिस।
फेफड़े के ऊतकों की सूजन या निशान।
हृदय रोग और अन्य हृदय संबंधित स्थिति भी रक्त में ऑक्सीजन के प्रवाह को कम कर सकती है.
तेज दर्द की दवाओं का अधिक सेवन करने से भी सांस लेने में कठिनाई होती है.
स्लीप एपनिया या नींद के दौरान सांस लेने में दिक्कत
इनके अलावा, अधिक आलसभरे दिनचर्या से भी शरीर में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है.
फिजिकल ऐक्टिविटी न करने से भी ऑक्सीजन स्तर में तेज़ी से गिरावट आ सकती है.
हद से ज़्यादा फिजिकल ऐक्टिविटी कर के, कम डायट का सेवन करना भी एक कारण हो सकता है.
ऑक्सीजन लेवल को कैसे बढ़ा सकते हैं?
धूम्रपान को कहें बाय-बाय
गहरी साँस लेने वाले योग करें
हल्का व्यायाम/ चलना- फिरना
स्वस्थ भोजन का सेवन करें
खूब पानी पियें
किसी भी कार्य को करते समय, एक से दो घंटे में अपने पॉजिशन को बदलते रहें।
साथ ही अगर किसी मरीज़ को सांस लेने में परेशानी महसूस होने लगे तो, उन्हें बेड या जमीन पर पेट के बल सोने को कहें। इसे प्रोन पॉजिशिनिंग कहा जाता है. पेट के बल लेटने से ऑक्सीजन लेवल तेजी से बढ़ता है. इस पॉजिशन में मरीज का पेट बिस्तर पर और पीठ ऊपर रहना चाहिए. इससे फेफड़े तेजी से काम करने लगते हैं और सांस लेने में राहत मिलती है.
ध्यान रहे कि, अगर किसी कोरोना मरीज़ के रक्त में ऑक्सीजन का स्तर 94 से कम हो जाए तो सचेत हो जाएं। और अगर यह स्तर 92 या उससे भी घटकर नीचे जाने लगे तो, फ़ौरन डॉक्टर को संपर्क करें।