
Donald Trump: चीन के वुहान शहर से कोरोना वायरस के दुनियाभर में फैलने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप चीन को लेकर काफी हमलावर रहे हैं. अब ट्रंप प्रशासन ने चीन की दो संस्थाओं पर प्रतिबंध लगा दिया है. इनमें से एक संस्था सैन्य प्रौद्योगिकी को आगे बढ़ा रही थी, तो दूसरी संस्था बीजिंग में चीन के मुस्लिमों पर हुए हमलों का समर्थन कर रही थी. दोनों को अमेरिकी प्रशासन ने प्रतिबंधित कर दिया है.
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वाणिज्य विभाग ने शुक्रवार को पश्चिमी चीन में झिंजियांग उइगुर स्वायत्त क्षेत्र में कथित मानव अधिकारों के उल्लंघन में को लेकर नौ संस्थाओं के नाम दिए थे. सूची में सात कंपनियों को शामिल किया गया है जो क्षेत्र में उच्च-प्रौद्योगिकी निगरानी में बीजिंग की सहायता करते हैं.
इसके अलावा अमेरिकी वाणिज्य विभाग ने चीन, हांगकांग और केमैन आइलैंड्स में स्थित 24 चीनी वाणिज्यिक और सरकारी संस्थाओं को टारगेट किया है. इन सभी 33 संस्थाओं को ब्लैकलिस्ट में जोड़ा गया, जिन्हें राष्ट्रीय-सुरक्षा को लेकर खतरे के रूप में माना जाता है या समझा जाता है कि ये सभी अमेरिका की विदेश नीति के विपरीत गतिविधियों में लगे हुए हैं.
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इससे पहले सप्ताह की शुरुआत में, व्हाइट हाउस नेशनल इकोनॉमिक काउंसिल के निदेशक लैरी कुडलो ने कहा था कि कोरोना वायरस महामारी की वजह से विश्व की दो बड़ी इकॉनमी के बीच चल रहे तनाव से डील पर कोई असर नहीं पड़ेगा.
अमेरिका और चीन के रिश्तों में कोरोना वायरस को लेकर आई तल्खी के बीच चीन ने भी अमेरिका पर निशाना साधा. चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) मामले में अमेरिकी राजनयिक एलिस वेल्स के बयान पर चीन ने कड़ी आपत्ति जताते हुए बयान को गैर जिम्मेदाराना बताया और कहा कि अमेरिका ने चीन और पाकिस्तान के संबंधों को खराब करने की नाकाम कोशिश की है. पाकिस्तान ने भी वेल्स के बयान पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा है कि सीपीईसी को लेकर कोई अंदेशा नहीं होना चाहिए, उसे इस परियोजना से लाभ हुआ है.
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