नई दिल्ली, सत्यकेतन समाचार। राजनीतिक दलों द्वारा एक दूसरे पर भ्रष्टाचार के आरोप प्रत्यारोप तो आप कई बार सुन चुके होगें. लेकिन खुले तौर पर किसी एसडीएम पर भ्रष्टाचार के आरोप नहीं सुने होगें जी हां एक ऐसा ही मामला बाहरी दिल्ली के नरेला एसडीएम टी. एन. मीणा और जूनियर असिस्टेंट प्रवीन दहिया पर लगाए गए हैं.
दिल्ली गवर्मेंट इम्पलॉई वेल्फेयर एसोसिएशन ने इस भ्रष्टाचार मामले को लेकर दिल्ली के उप-राज्यपाल, दिल्ली के मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव आदि को पत्र लिखकर निष्पक्ष जांच की मांग की है.
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एसोसिएशन ने अपने पत्र में कहा है कि एसोसिएशन ने हमेशा कर्मचारी हित में काम किया है और यह भी नहीं चाहती कि एक भ्रष्टाचारी की वजह से हमारा कैडर बदनाम हो. पर यहां तो दो भ्रष्टाचारी हैं जो हमारे कैडर को बदनाम करने में लगे हैं. एक नरेला के एसडीएम टी एन मीणा और दूसरे उनके जूनियर असिस्टेंट प्रवीन दहिया पर रिश्वत लेने का आरोप लगाया है.
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एसोसिएशन के महासचिव उमेश बत्रा का कहना है कि दिल्ली सरकार के एक कर्मचारी के भाई से ट्रेक्टर छोड़ने की एवज में मोटी रिश्वत मांगी गई है. जब यह बात एसोसिएशन के संज्ञान में आई तो एसोसिएशन के पदाधिकारी एसडीएम नरेला के कार्यालय पहुंचे और अपने कैडर के कर्मचारी को समझाने व सदमार्ग पर चलने की सलाह दी. लेकिन उन्हें साफ कह दिया गया कि बिना पैसे काम नहीं होगा. क्योंकि एसडीएम साहब 31 अगस्त 2020 को रिटायर हो रहें हैं और उन्हें उससे पहले दस करोड़ रूपए इकट्ठे करने हैं. दिल्ली गवर्मेंट इम्पलॉई वेल्फेयर एसोसिएशन ने मांग की है कि इस मामले में निष्पक्ष जांच हो और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिले.