Corona: क्यों भारत के लिए अहम हैं अगले दो हफ्ते?

Corona: क्यों भारत के लिए अहम हैं अगले दो हफ्ते?

Corona: Why are the next two weeks important for India?
Corona: Why are the next two weeks important for India?

Corona, सत्यकेतन समाचार : अगले दो हफ्ते में क्या होगा? अगले दो हफ्ते भारत के लिए सबसे अहम क्यों हैं? अगले दो हफ्ते में ही कोरोना की तबाही की तस्वीर क्यों और कैसे साफ होगी? ये वो सवाल हैं जिनके जवाब आप सभी के लिए जानना जरूरी है। भारत में कोरोना के पहले पांच सौ मरीजों की तादाद डेढ़ महीने में पहुंची। जबकि पांच सौ से पांच हजार पहुंचने में सिर्फ दो हफ्ते का वक्त लगा। यहां गौर करने वाली बात ये है कि कोरोना के केस के मामले में हम इटली, स्पेन और अमेरिका से दो हफ्ते पीछे चल रहे हैं। अकेले अमेरिका में सिर्फ पिछले दो हफ्ते में कोरोना के केस पांच हजार से दो लाख पहुंच गए। और बस यही चीज़ है जो डरा रहा है कि भारत में आने वाले अगले दो हफ्ते में क्या होगा?

तीस जनवरी को भारत में कोरोना का पहला मरीज़ मिला। फरवरी का महीना कुल मिला कर कंट्रोल में रहा। फिर मार्च आया। मार्च के पहले दो हफ्ते तक भी मामला कंट्रोल में था। मगर मार्च के तीसरे हफ्ते से पहली बार कोरोना ने रफ्तार पकड़ी। 22 मार्च आते-आते देश में कोरोना के मरीजों की तादाद 500 जा पहुंची थी। पर अब भी बात चिंता की नहीं थी। क्योंकि 30 जनवरी से 22 मार्च तक यानी डेढ़ महीने में भारत में कोरोना के कुल 500 ही केस पाए गए थे। पर 22 मार्च के बाद अचानक तस्वीर बदलनी शुरू होती है। 500 से 5000 पहुंचने में सिर्फ़ अगले दो हफ्ते का वक्त लगता है। जहां 22 मार्च को कोरोना के मरीजों की तादाद सिर्फ़ 5 सौ थी वहीं 8 अप्रैल आते आते 5 हज़ार हो गई। यानी 22 मार्च के बाद हर रोज़ कोरोना के औसतन 300 नए मामले सामने आने लगे। हालांकि अब भी ये रफ्तार दुनिया के कई देशों के मुकाबले कम है।

इसमें कोई शक नहीं कि इस रफ्तार के बावजूद भी बाकी दुनिया के मुकाबले भारत में कोरोना वायरस (Corona Virus) के मामले कम हैं बेशक। मगर फिलहाल कम हैं। लेकिन इसका ये मतलब कतई नहीं कि इसी में खुश होकर हम सड़क पर नाचने लगे। अगर आपको ऐसा लगता है कि कोरोना इतनी आसानी से पीछा छोड़ देगा तो फिर आप गलतफहमी में हैं और इसका मतलब समझे ही नहीं। इसलिए इसे समझने के लिए आपको दुनिया के बाकी देशों में कोरोना की रफ्तार को समझना होगा। ताकि आने वाले दिनों की भारत की तस्वीर को आप बेहतर ढंग से समझ सकें।

दुनिया के तीन देशों में कोरोना के ग्राफ को देखा जाए तो अमेरिका, इटली और स्पेन के कोरोना वायरस के मामले हैं। 9 अप्रैल तक भारत में कोरोना के लगभग 6 हज़ार मामले सामने आ चुके हैं। जबकि इन तीन देशों में इतने ही मामलों को एक एक करके समझें तो इटली में पहले पांच हजार मामले 5 मार्च तक सामने आए थे। वहीं स्पेन में पहले पांच हजार ममाले10 मार्च तक जबकि अमेरिकी में कोरोना के पहले पांच हजार मामले 15 मार्च तक सामने आए थे।

अब दुनिया के इन तीन देशों में कोरोना (Corona) के मामलों को फिर से देखिए क्योंकि इसी में कोरोना वायरस की क्रोनोलॉजी छुपी है। पहले पांच हजार मामलों के बाद इन देशों मे अचानक उस चार्ट में पीली रेखा शूट करने लगी। पीली रेखा ये बता रही है कि पांच हजार मामले सामने आने के बाद अगले दो हफ्तों में यहां कोरोना के मामले जिस तेज़ी से बढ़े वो हैरान और परेशान करने वाले हैं। सबसे पहले इटली को देखें। यहां सिर्फ अगले दो हफ्तों में ये मामले 5 हज़ार से 50 हज़ार तक पहुंच गए। वहीं स्पेन में महज़ दो हफ्ते के अंदर कोरोना के मामले 5 हज़ार से सीधे 80 हज़ार तक जा पहुंचे।

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जबकि अमेरिका ने तो दुनिया को हैरान ही कर दिया। क्योंकि अमेरिक में यहां इन्हीं दो हफ्तों में कोरोना के मामले 5 हज़ार से बढ़ कर 2 लाख तक जा पहुंचा। और अब तो अमेरिका में हर दिन कोरोना के 10 से 20 हज़ार नए मामले सामने आ रहे हैं। तो इन देशों के दो हफ्तों के ये आंकड़े क्या भारत की भी कहानी भी बनेंगे? क्या अगले दो हफ्ते भारत में भी कोरोना के मामले इन्हीं देशों की तर्ज़ पर इतनी ही तेजी से बढ़ेंगे।

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