Corona Update, सत्यकेतन समाचार : कोरोना वायरस के विश्व व्यापी संक्रमण के बीच दो सबसे बड़ी आबादी वाले देशों चीन और भारत के लिए चुनौती सबसे बड़ी है।
पिछले दिनों चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर से फ़ोन पर बात की और उन्हें कोरोना वायरस से लड़ने में हर संभव मदद की पेशकश की।
चीन ने हर दिन भारत में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों पर चिंता जताई और कहा कि भारत चीन के अनुभव से सबक सीख सकता है।
चीन के विदेश मंत्री ने भी माना है कि दुनिया की नज़र भारत और चीन पर इसलिए है क्योंकि दोनों की आबादी एक अरब से ज़्यादा है।
ऐसे में उनका तर्क है कि दोनों देशों को मिलकर इस वायरस से लड़ना होगा। जयशंकर ने भी कोरोना पर क़ाबू पाने की चीन की कोशिशों की सराहना की और कहा कि वे चीन की मदद की पेशकश के लिए उसका धन्यवाद देते हैं।
चीन में जब कोरोना वायरस का संक्रमण अपने चरम पर था और वुहान में हर दिन बड़ी संख्या में लोग संक्रमित हो रहे थे, चीन ने सिर्फ़ 10 दिनों में मेकशिफ़्ट अस्पताल बनाकर पूरी दुनिया को ये बता दिया कि वो कोरोना को कितनी गंभीरता से ले रहे हैं।
चीन को इस कोशिश का फ़ायदा कोरोना को क़ाबू करने में मिला।
चीन की कई कंपनियों ने पेशकश की है कि वो मेकशिफ़्ट अस्पताल बनाने में भारत समेत अन्य एशियाई देशों की मदद भी कर सकते हैं।
चायना रेलवे कंस्ट्रक्शन कॉर्प के एक एक्सपर्ट ने ग्लोबल टाइम्स को बताया, ”चीन की कई कंपनियाँ भारत में कई प्रोजेक्ट्स पर काम कर रही हैं। इन कंपनियों के पास पहले से ही अच्छा सप्लाई नेटवर्क है। भारत अगर चाहे तो ये कंपनियाँ चीन के वुहान की तरह भारत में मेकशिफ़्ट अस्पताल बनाने का काम शुरू कर सकती हैं।”
भारत में स्वास्थ्य मंत्रालय के आँकड़ों के मुताबिक़ इस समय भारत में क़रीब 600 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हैं, 13 लोगों की मौत हो चुकी है और 42 लोग डिस्चार्ज किए जा चुके हैं।
लेकिन जानकार सबसे ज़्यादा सवाल इस पर उठा रहे हैं कि भारत अभी भी कम लोगों के टेस्ट कर रहा है। भारत जहाँ एक सप्ताह में 5000 लोगों के टेस्ट कर रहा है, वहीं अमरीका एक सप्ताह में 26 हज़ार और ब्रिटेन एक सप्ताह में 16 हज़ार लोगों के टेस्ट कर रहा है।
यानी भारत की सबसे बड़ी समस्या हेल्थकेयर सिस्टम पर भारी दबाव की है, वो चाहे अस्पताल, वेंटिलेटर्स की कमी हो या फिर पर्याप्त संख्या में लोगों के टेस्ट न कर पाने की समस्या।
अब भारत ने प्राइवेट टेस्ट लैब्स को कोरोना वायरस की टेस्टिंग के लिए अनुमति दी है और जानकारों का मानना है कि इससे वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या में उछाल आ सकता है।
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