सत्यकेतन समाचार: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता वी हनुमंत राव ने सोमवार को आरोप लगाया कि संघ नेता ने यह कहकर लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है कि सभी 130 करोड़ भारतीय हिंदू हैं। भागवत ने 25 दिसंबर को यहां एक जनसभा में कहा था कि धर्म और संस्कृति पर ध्यान दिये बिना, जो लोग राष्ट्रवादी भावना रखते हैं और भारत की संस्कृति तथा उसकी विरासत का सम्मान करते हैं, वे हिंदू हैं और आरएसएस देश के 130 करोड़ लोगों को हिंदू मानता है।
राव ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि भागवत के बयान से न केवल मुस्लिमों, ईसाइयों, सिखों, पारसियों आदि की भावनाओं और आस्थाओं को ठेस पहुंची है, बल्कि यह भारतीय संविधान की मूल भावना के खिलाफ भी है। उन्होंने कहा कि इससे जनता के बीच सांप्रदायिक तनाव बढ़ेगा और इससे हैदराबाद में कानून एवं व्यवस्था की समस्या भी पैदा हो सकती है।
गौरतलब है कि भाजपा की सहयोगी रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (अठावले) के प्रमुख तथा केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख, यानी सरसंघचालक मोहन भागवत के उस बयान से असहमति जताई है, जिसमें कहा गया था कि संघ भारत की 130 करोड़ की आबादी को धर्म और संस्कृति से इतर हिन्दू समाज मानता है।
केंद्रीय सामाजिक न्याय राज्यमंत्री रामदास अठावले ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा कि यह कहना सही नहीं है कि सभी भारतीय हिन्दू हैं… एक समय था, जब हमारे देश में सभी बौद्ध हुआ करते थे… यदि मोहन भागवत का अर्थ है कि सभी भारतीय हैं, तो अच्छा है… हमारे देश में बौद्ध, सिख, हिन्दू, ईसाई, पारसी, जैन और लिंगायत पंथों तथा अन्य समुदायों के लोग रहते हैं।
बता दे कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने हैदराबाद में एक बैठक के दौरान कहा था कि भारत माता का पुत्र, चाहे वह कोई भी भाषा बोलता हो, किसी भी क्षेत्र में रहता हो, किसी भी प्रकार की पूजा पद्धति अपनाता हो या किसी की पूजा नहीं करता हो, हिन्दू है… इस संदर्भ में संघ के लिए भारत की समूची 130 करोड़ की आबादी हिन्दू समाज है।