America vs Korea सत्यकेतन समाचार : आखिरकार क्या वजह है अमेरिका और कोरिया की दुश्मनी की ?

एक दूसरे को तबाह और बर्बाद करने की धमकियों से हुई थी. फिर एटम बम का बटन दबाने दबाने तक बात पहुंचं गई. लेकिन कहते है ना कि बात करने से ही बात बनती है. फिर एक ऐसा वक्त आया जब एक दूसरे की जान के दुश्मन बने दोनों नेताओं ने आपस में मुलाकात की और अब ये नज़दीकियां इतनी बढीं की इतिहास में पहली बार किसी अमेरिकी राष्ट्रपति ने 70 साल पुराने अपने दुश्मन की सरज़मीं पर कदम रखा. जी, पूरी दुनिया उस वक्त हैरान रह गई जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने उत्तर कोरिया की धरती पर कदम रखा.
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कोरिया की कहानी

कोरिया की कहानी बहुत उतार चढाव वाली है. दरअसल, 70 साल पहले कोरिया एक ही था. लेकिन बाद में उसके दो टुकड़े हो गए. जी हां. करीब 70 साल पहले एक था कोरिया. मगर फिर वो सब कुछ हुआ जिसके बाद कोरिया के दो टुकड़े हो गए. एक उत्तर कोरिया बन गया. दूसरा दक्षिण कोरिया. मगर बंटवारे के बाद से ही दक्षिण कोरिया तो शांत रहा.
1910 का युद्ध

दरअसल साल 1910 में कोरिया प्रायदीप जापान का ही एक हिस्सा था, लेकिन 1939 से 1945 तक चले दूसरे विश्व युद्ध में जापान की करारी हार हुई जबकि इस युद्ध में अमेरिका तत्कालीन सोवियत संघ यानि रूस की जीत हुई। इस जीत के बाद अमेरिका और सोवियत संघने कोरिया का जापान से विभाजन कर दिया।
विभाजन के बाद उत्तर दिशा का हिस्सा एक कम्युनिस्ट देश बना और उत्तर कोरिया कहलाया जबकि दक्षिण का हिस्सा अमेरिका और उसके मित्र देशों के अनुसार दक्षिण कोरिया कहलाया।
इसके बाद 1950 में उत्तर कोरिया ने अमेरिकी आश्रित दक्षिण कोरिया पर हमला कर दिया और उसे पराजित कर दिया, लेकिन इससे पहले कि उत्तर कोरिया अपनी जीत का जश्न मनाता अमेरिका ने पूरी बाजी ही पलट दी।
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अमेरिका ने पलट दी थी बाजी

अमेरिका ने सोवियत संघ सुरक्षा परिषद में एक प्रस्ताव पारित करवाया जिसके अंतर्गर्त अमेरिका और उसके मित्र देशों को संयुक्त राष्ट्र के झंडे तले कोरिया में अपने-अपने सैनिक भेजने का अधिकार मिल गया।
करीब 2 या 3 सालों तक ये युद्ध चलता रहा जिसके बाद युद्धविराम की घोषणा कर दी गई और उत्तर कोरिया मन मसोसकर रह गया। इतने सालों बाद भी उत्तर कोरिया के मन में आज भी इसी बात की टीस है कि वो अमेरिका से बदला नहीं ले पाया।
आज तक खुन्नस में उत्तर कोरिया

अब फिर उत्तर कोरिया और अमेरिका के बीच तनाव का माहौल देखने को मिल रहा है। उत्तर कोरिया लगातार परमाणु परिक्षण कर रहा है और दुनिया की शक्तियों को डराने की कोशिश कर रहा है और इससे अमेरिका, भारत और चीन जैसे ज्यादातर देश चिंता में हैं।
बता दें कि 2017 के सितंबर में ही उत्तर कोरिया ने एक इंटरकॉन्टिमनेंटल मिसाइल का सफल परीक्षण किया और कहा था ये मिसाइलें अलास्का तक हमला कर सकती हैं।
इसके बाद अमेरिका ने इसकी निंदा की थी और चिंता जताई थी कि ये दुनियाभर के लिए खतरा है।