WHO ने पूरी दुनिया की गिरती अर्थव्यवस्था के बीच दी चेतावनी

WHO ने पूरी दुनिया की गिरती अर्थव्यवस्था के बीच दी चेतावनी

WHO ने पूरी दुनिया की गिरती अर्थव्यवस्था के बीच दी चेतावनी

WHO, सत्यकेतन समाचार :कोरोना महामारी के कारण चलते Lockdown की वजह से पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान हुवा है. अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने के लिए कई देशो में इम्युनिटी पासपोर्ट और जोखिम मुक्त सर्टिफिकेट के आधार पर लॉकडाउन के बीच ढील देने पर विचार किया जा रहा है. जिसे विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने पूरी दुनिया के लिए बड़ा खतरा बताकर चेताया है.

पिछले सप्ताह चिली की सरकार ने दुनिया में तेजी से फैलती इस महामारी के बीच फैसला लेते हुए कहा है कि जो लोग संक्रमण के बाद ठीक हो गए हैं उन्हें ‘हेल्थ पासपोर्ट’ जारी करेगी. अधिकारियों का कहना था कि जिन लोगों के शरीर में वायरस का एंटीबॉडी पाया जाएगा वो काम पर लौट सकते हैं.

WHO ने बताया कि दुनियाभर में ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं जब कोरोना पीड़ित ठीक होने के बाद फिर से संक्रमित हो गए हैं. ऐसे में इस बात को कैसे माना जा सकता है कि लोग दोबारा इस संक्रमण के शिकार नहीं होंगे और वे पूरी तरह सुरक्षित हैं.

http://l1e.d8f.myftpupload.com/the-bridegroom-reached-the-wedding-pavilion-with-the-police-the-bride-also-left-in-pcr-what-was-the-reason/

उन्होंने कहा ‘इस प्रकार की योजनाएं दुनियाभर में कोरोना के खतरे को बढ़ाएंगी. साथ ही अपने इम्यून को लेकर लोग एहतियात बरतना बंद कर देंगे.’ जो पूरी दिनिया के लिए खतरा साबित हो सकता है.

दुनियाभर में अब तक तकरीबन 30 लाख से भी ज़्यादा कोरोना वायरस पॉजीटिव मामले सामने आ चुके हैं. इनमें तकरीबन 2 लाख से भी ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. अभी तक इस बात का कोई सबूत नहीं मिला हैं के जिन लोगों में संक्रमण से ठीक होने के बाद एंटीबॉडी विकसित हो गया है, उन पर ये वयारस दोबारा अटैक नहीं करेगा.

WHO ने बताया कि अधिकांश मामलों में कोरोना संक्रमित मरीजों को दोबारा इस रोग ने नहीं घेरा है. इन लोगों के खून में एंटीबॉडी मौजूद है. वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जिनमें एंटीबॉडी का लेवल काफी कम पाया गया है और ये वायरस उन्हीं लोगों पर दोबारा अटैक कर रहा है. एक निष्कर्ष यह भी पता चला कि शरीर की रोग प्रतिरक्षा-प्रणाली में मौजूद टी-सेल्स भी संक्रमित सेल्स से लड़ने में कारगर होते हैं. हालांकि अभी तक इसकी पुष्टि नहीं हुई है कि एंटीबॉडी की मौजूदगी में इम्यून आगे भी वायरस के संक्रमण को रोकने में क्षमता प्रदान करेगा.

कोरोना वायरस को लेकर दुनियाभर में जारी गाइडलाइंस किसी न किसी अध्ययन पर आधारित है. चूंकि इस वायरस को लेकर हर रोज कोई न कोई नई जानकारी सामने आ रही है, इसलिए समय के साथ दिशा-निर्देशों में बदलाव भी किया जा सकता है.

ऐसे में सरकारों को खतरा टलने से पहले गिरती अर्थव्यवस्था को लेकर ऐसे नियम बनाने से बचना चाहिए. जिन लोगों के अंदर इसकी एंटीबॉडी विकसित हो गई है, उन्हें इम्युनिटी पासपोर्ट के तहत lockdown के बीच ढील देना जोखिम भरा होगा.

http://l1e.d8f.myftpupload.com/these-shops-will-be-opened-in-delhi-kejriwal-announced/

http://l1e.d8f.myftpupload.com/bhojpuri-actor-pawan-singh-sultan-arrested-with-car-in-lockdown/

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *