47D11 Antibody: वैज्ञानिकों ने कहा-इस एंटीबॉडी से फैलने से रुकेगा कोरोना, जाने कैसे खोजी गयी एंटीबॉडी?

47D11 Antibody: वैज्ञानिकों ने कहा-इस एंटीबॉडी से फैलने से रुकेगा कोरोना, जाने कैसे खोजी गयी एंटीबॉडी?

47D11 Antibody: वैज्ञानिकों ने कहा-इस एंटीबॉडी से फैलने से रुकेगा कोरोना, जाने कैसे खोजी गयी एंटीबॉडी?
47D11 Antibody: वैज्ञानिकों ने कहा-इस एंटीबॉडी से फैलने से रुकेगा कोरोना, जाने कैसे खोजी गयी एंटीबॉडी?

47D11 Antibody, सत्यकेतन समाचार : कोरोना महामारी के बीच एक बड़ी राहत देने वाली खबर आई है। वैज्ञानिकों ने ऐसी एंटीबॉडी को खोजा है जो कोविड-19 को शरीर में फैलने से रोक देगी. वैज्ञानिकों को दावा है कि वो जल्द ही इलाज के लिए बेहतर वैक्सीन बना पाएंगे. ये एंटबॉडी कोरोना वायरस से चिपक कर उसकी बाहरी कंटीली परत तोड़कर उसे निष्क्रिय कर देती है.

वैज्ञानिकों ने इस एंटीबॉडी का नाम 47D11 रखा है. इस एंटीबॉडी की खोज के साथ ही वैज्ञानिकों में उम्मीद जगी है कि वो अब कोरोना वायरस को शरीर में ही निष्क्रिय कर सकेंगे. ताकि कोरोना वायरस का संक्रमण एक व्यक्ति से दूसरे तक न फैले. चूहों पर इसके परीक्षण सफल रहे हैं.

यूरोप के वैज्ञानिकों ने चूहों में पाए जाने वाली 51 सेल लाइंस कोशिकाओं में इस एंटीबॉडी को खोजा है. इसके बाद इसे इंसानों के लायक बनाने के लिए जेनेटिकली इंजीनियर किया है. इसके बाद इस एंटीबॉडी का परीक्षण उन्होंने 2003 में फैले सार्स कोरोना वायरस पर किया जिसे इस एंटीबॉडी ने निष्क्रिय कर दिया. वैज्ञानिकों का कहना है कि कोविड-19 भी सार्स कोरोना वायरस के परिवार का वायरस है. इसलिए यह एंटीबॉडी उसे भी कमजोर कर खत्म करने में सफल होगी.

वैज्ञानिकों की इस टीम को लीड कर रहे हैं यूट्रेच यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर बेरेंड-जेन बॉश. प्रोफेसर बॉश के मुताबिक इस एंटीबॉडी में ऐसी क्षमता है कि यह कोरोना वायरस कोविड-19 को खत्म कर सकती है. क्योंकि यह वायरस के उस लेयर पर हमला करती है जिसका उपयोग वायरस कोशिकाओं पर चिपकने के लिए करता है. उन्होंने बताया कि ऐसे एंटीबॉडी की वजह से अगर इंसानी शरीर में कोरोना वायरस फैलने से रुकता नहीं भी है. तो भी अच्छी बात ये है कि इस एंटीबॉडी से कोरोना वायरस को इंसानी शरीर में फैलने में काफी ज्यादा समय लग जाएगा. यानी कोविड-19 वायरस शरीर में ही कमजोर हो जाएगा.

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जाने कैसे खोजी गयी एंटीबॉडी?

वैज्ञानिकों ने प्रयोगशाला में चूहे को कोरोना वायरस से संक्रमित कराया. वैज्ञानिकों ने देखा कि वायरस ने जैसे ही चूहे के शरीर में प्रवेश किया. चूहे के शरीर के अंदर 51 तरह के एंटीबॉडी निकलनी शुरू हो गई. इसी में मौजूद थी 47D11 एंटीबॉडी. जो कोरोना वायरस की बाहरी परत को नष्ट कर दे रही थी. बस यहीं पर वैज्ञानिकों ने इस एंटीबॉडी की पहचान कर ली.

आपको बता दें कि कोरोना वायरस का आकार गोल होता है. उसके चारों तरफ ऐस-2 नाम के प्रोटीन की कंटीला लेयर होती है. ये कंटीली लेयर ही इंसानी शरीर की कोशिकाओं से चिपक जात है. इसके बाद इंसानी शरीर की कोशिकाओं की बाहरी लेयर को गलाकर उसके अंदर अपना जींस छोड़ देती है.

कोशिकाओं में जींस छोड़ने के बाद वायरस कोशिकाओं को खाकर अपनी संख्या बढ़ाना शुरू करता है. इसीलिए वैज्ञानिकों ने ऐसी एंटीबॉडी खोजी है जो कोरोना वायरस की बाहरी कंटीले लेयर से चिपक कर उसे नष्ट कर देगी. यानी कोरोना वायरस के वो दांत टूट जाएंगे जिससे वो हमला करता है.

रीडिंग यूनिवर्सिटी के सेल्यूलर माइक्रोबॉयोलॉजी की प्रोफेसर डॉ. सिमोन क्लार्क ने कहा कि जब कोरोना वायरस को इंसानी शरीर में प्रवेश करने रोक दिया जाएगा. तो उसके आगे के सारे काम रुक जाएंगे. यानी वह इंसान के शरीर में कुछ नहीं कर पाएगा.

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