अंतर्राराष्ट्रीय योग दिवस सत्यकेतन समाचार : 27 सितंबर 2014 में संयुक्त राष्ट्र महासभा के भाषण में माननीय मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाए जाने की अपील की। इसके उपरांत अमेरिका ने 123 सदस्यों की बैठक में अंतर्राराष्ट्रीय योग दिवस का प्रस्ताव पास कर दिया। अमेरिका द्वारा अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाए जाने की अपील करने के बाद, 90 दिनों के अंदर 177 देशों ने अंतर्राराष्ट्रीय योग दिवस का प्रस्ताव पारित कर दिया। 21 जून 2015 को पूरे विश्व में पहली बार अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया।

योग का उद्भव भारत से ही माना जाता है। भारत में योग का इतिहास लगभग 2000 वर्ष पुराना बताया गया है। भारत में स्वामी विवेकानंद ने योग की शुरुआत बहुत पहले कर दी थी। स्वामी जी ने अपने शिकागो सम्मेलन के भाषण में योग का संदेश संपूर्ण विश्व को दिया था। योग पर आधारित पुस्तकों का संग्रह आज भी भारत के राष्ट्रीय संग्राहलयों में मिलता है। योग भारत के पास प्रकृति की एक अमूल्य वस्तु है।
योग का महत्व

आज के समय में सभी के जीवन में योग का बहुत अधिक महत्व है। वर्तमान में बढ़ती बीमारियों से निपटने के लिए योग बहुत जरुरी है। जिस प्रकार डाईबिटीज के मरीज के लिए दवा जरुरी है, ठीक उसी प्रकार जीवन में योग बहुत आवश्यक है।
प्रात: काल का समय, योग करने का सही समय माना जाता है। सुबह के समय योग करने से व्यक्ति के मस्तिष्क की सभी इंद्रियां जाग्रत होती हैं, जिससे व्यक्ति का मन एकाग्र होकर कार्य करता है। योग एक ऐसी साधना है, जिसका जीवन में होना बहुत जरुरी है। योग एक ऐसी दवा है, जो बगैर खर्च के रोगियों का इलाज करने में सक्षम है। वहीं यह शरीर को ऊर्जावान बनाए रखता है, यही कारण हैं कि युवाओं द्वारा बड़े पैमाने पर जिम और एरोबिक्स को छोड़कर योग अपनाया जा रहा है।