
नई दिल्ली, रितेशु सेन। आज सोशल मीडिया का चलन पूरे विश्व में है. इस सदी के लोग तो अपना जीवन इनके बगैर जी पाने के बारें में ख्याल तक नहीं कर सकते। ऐसे में अगर इन प्लैटफॉर्म्स का देश से नामो निशान मिटा दिया जाए, तो सोचो क्या होगा? ऐसा ही कुछ हो सकता है, अगर इन सोशल मीडिया के निर्देशक भारत सरकार के नक़्शे कदम पर चलने के लिए मंजूरी नहीं भरते हैं तो. वैसे आखिरी तारीख आज थी, तो क्या कल से फेसबुक, इंस्टाग्राम और ट्विटर जैसे तमाम सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स भारत में बंद हो जाएंगे?
क्या है पूरा मामला ?
दरअसल, आज से कुछ 3 महीनों पहले भारतीय केंद्र सरकार ने सभी किस्म के सोशल मीडिया कंपनियों को एक नोटिफिकेशन जारी किया था. जिसके अनुसार, भारत सरकार ने कहा था कि भारत में जो भी सोशल मीडिया रहना चाहती है उसे कुछ नियम लागू करने होंगे। जिसकी आखिरी मियाद 25 मई तय की गई थी. लेकिन, ” कू” नाम की कंपनी को छोड़ कर किसी भी सोशल मीडिया कंपनी की ओर से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई. इसलिए ऐसा कयास लगाया जा रहा है कि, कल से यानि 26 मई से भारत राष्ट्र में सोशल मीडिया पर रोक लगाई जा सकती है.
वैसे आज भारत में भी ऐसे करोड़ों लोग हैं जो सोशल मीडिया से न ही सिर्फ मनोरंजन कर रहें है, बल्कि उनके लिए गुज़र बसर का साधन भी यही बन गया है. ऐसे में यहाँ कई सवाल उठते हैं कि- क्या सरकार आगे की कोई तारीख दे कर एक और मौका देना चाहेगी इन कंपनियों के मालिको को ? या कोई जुर्माना भरना पड़ेगा उन्हें? या फिर आगामी 26 तारीख से भारत में पूरी तरह से सोशल मीडिया पर रोक लग जाएगी ?
क्या नियम लागु करने को कहा गया था ?
असल में, 25 फरवरी को भारत सरकार ने भारत में पैर पसारती सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम जैसी कंपनियों को कुछ नियम लागू करने का आदेश दिया था. जिनमें मुखयतौर से भारत में आपत्तिजनक कंटेट की निगरानी, शिकायत समाधान, अपना अधिकारी और संपर्क करने के लिए पता, कंपलायंस अधिकारी की नियुक्ति, कंप्लायंस रिपोर्ट और आपत्तिजनक सामग्रियों को साइट से हटाने जैसे नियम शामिल थे. जिसके लिए केंद्र सकरार ने इन कंपनियों को 3 महीने का समय दिया था. 25 मई को इसकी अंतिम तिथि है, लेकिन अब तक उनका कोई जवाब नहीं आया है. सिर्फ एक कंपनी को छोड़ कर, अन्य किसी कम्पनी ने किसी भी अधिकारी की नियुक्ति तक नहीं की है.
भारत सरकार का मानना है कि, भारत में किसी भी सोशल मीडिया पीड़ित को यह तक नहीं पता कि, आखिर उन्हें सही मायने में अपनी शिकायत दर्ज कहाँ करानी है. न ही उनके समस्याओं का समाधान करने वाले अधिकारियों का कोई अता पता है. इसलिए, भारत सरकार ने भारत में चल रही कंपनियों के समक्ष नए नियम लागू करने की बात रखी थी. जिसे पूर्णरूप से कंपनियों की ओर से अनदेखा किया जा रहा है.
क़ानूनन अपराध की श्रेणी में आएँगी यह कंपनिया
बता दें, इन कंपनियों के इस तरह के मनमाने कामों से यह स्पष्ट हो रहा है कि भारतीय संविधान और कानूनों का ध्यान नहीं रखा जा रहा है. भारत सरकार की पुरानी घोषणा के अनुसार, नए नियम 26 मई 2021 से लागु हो जाएंगे। ख़बरों के अनुसार, अब तक आईटी ऐक्ट की धारा 79 के तहत सोशल मीडिया कंपनियों को इंटरमीडियरी के नाते लाइबलिटी से छूट मिली हुई थी. लेकिन अब उसकी तारीख ख़त्म हो चुकी है. यही नहीं, अगर आगामी 26 मई के बाद भी यह सोशल मीडिया कंपनिया भारत सरकार के नियमों का उलंघन करती है तो, इंटरमीडियरी स्टेटस छिन सकता है. और वे भारत के मौजूदा कानूनों के तहत आपराधिक कार्रवाई के दायरे में आ सकती हैं.