
लॉकडाउन, सत्यकेतन समाचार : कोरोना महामारी के खौफ से पूरी दुनिया के देशों में हुए लॉकडाउन के नियमों में अब धीरे-धीरे सभी देशो की सरकारे ढील दी जा रही है. हालांकि वैज्ञानिकों ने लॉकडाउन में दी जा रही ढील को लेकर अपनी चिंता साफ-साफ जाहिर की है. उनका कहना है कि नियमों में ढील मिलते ही लोगों एकदम से बाहर निकलेगे और दूसरे लोगों के साथ संपर्क में आएगा.
WHO कोरोना वायरस के कारण हुए लॉकडाउन में लोगों की थकान को गंभीरता से देख रहा है. यूरोप में WHO की टेक्निकल ऑफिसर कैथरीन हैबरसाट ने कहा, ‘देश में लॉकडाउन के संशोधनों को लागू करते वक्त सरकारों को जरूरत थी कि वे लोगों के मन को समझें.’
हैबरसाट ने कहा, ‘एक तरफ हम इस बात से परेशान हैं कि नियमों में छूट के बाद लोग अपनी सोशल लाइफ में वापस लौट जाएंगे. इस बीच लोगों से उनका संपर्क पहले से कहीं गुना ज्यादा बढ़ भी सकता है.’ लोगों के ज्यादा मिलने जुलने से कोरोना के संक्रमण का खतरा और भी ज्यादा बढ़ेगा.’ उन्होंने कहा, ‘वहीं दूसरी ओर, कुछ लोग इसे लेकर अब भी पहले की तरह ही चिंतित रहेंगे. यहां तक कि वे उन लोगों से भी नहीं मिल सकते जिनके सोशल सपोर्ट की उन्हें बेहद जरूरत होती है. वे ना तो डॉक्टर के पास वैक्सीनेशन के लिए जाते हैं और ना ही लोगों के संपर्क में आते हैं.’
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उन्होंने बताया कि इस वक्त पूरी दुनिया में लॉकडाउन से जुड़ी समस्याओं के मामले सामने आ रहे हैं. ये सभी मामले आपकी मेंटल हेल्थ, स्वास्थ्य, आइसोलेशन, क्वारनटीन और सोशल डिस्टेंसिंग से जुड़े हैं. साथ ही यह आपकी सामाजिक गतिविधियों, आर्थिक स्थिति, संस्कृति या सामाजिक दबाव से भी जुड़ा हो सकता है. इन सभी चीजों को दिशा देना बेहद मुश्किल काम है.
हैबरसाट ने सरकारों से आग्रह किया कि ऐसी परिस्थिति में वे लोगों के व्यावहार को लेकर एक सर्वेक्षण करवाएं और उन्हें जरूरी सूचनाएं दें ताकि वे अपनी सामान्य जिंदगी में वापस लौटने के लिए सही फैसले ले सकें.
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