- भूमिका
CPEC, सत्यकेतन समाचार:भारत पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में विवादित चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC) बनाए जाने का लगातार विरोध करता रहा है.
भारत ने 50 अरब डॉलर की सीपीईसी का लगातार विरोध किया है जो पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के पास से गुजरता है. सीपीईसी एक ऐसा नेटवर्क है जो पूरी तरह से पाकिस्तान में तैयार किया जा रहा है, और यह चीन की झीनजियांग प्रांत से पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत के ग्वादर बंदरगाह को जोड़ेगा. ऐसा होने की सूरत में पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर तक चीन की पहुंच हो जाएगी.
- पाकिस्तान को क्या फायदा होगा …
(i) रोजगार के अवसर बढ़ेंगे
(ii) आधारभूत संरचना का विकास बढेगा
(iii) अमेरिका द्वारा दी जाने वाली आर्थिक सहायता पर निर्भरता कम होगी
(iv) पाकिस्तान के चीन के मधुर रिश्ते होने के कारण भारत पर दबाव बनाने का प्रयास किया जायेगा
(v) अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी
- चीन को इस परियोजना से क्या फायदा होगा?
- चीनियों के लिए यह रिश्ता रणनीतिक महत्व का हैl यह गलियारा चीन को मध्यपूर्व और अफ़्रीका तक पहुंचने का सबसे छोटा रास्ता मुहैया कराएगा, जहां हज़ारों चीनी कंपनियां कारोबार कर रही हैं.
- इस परियोजना से शिनजिंयाग को भी कनेक्टिविटी मिलेगी और सरकारी एवं निजी कंपनियों को रास्ते में आने वाले पिछड़े इलाकों में अपनी आर्थिक गतिविधियां चलाने का मौका मिलेगा, जिससे रोज़गार के अवसर पैदा होंगेl ।
कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा चीन और पाकिस्तान के बीच आर्थिक संबंधों की दिशा में एक नया अध्याय है और यह बढती प्रगाढ़ता भारत के लिए चिंता का विषय बन सकती है क्योंकि इस गलियारे के माध्यम से चीन की पहुँच हिन्द महासागर तक हो जायेगी जो कि भारत के लिए कभी भी शुभ खबर नही कही जा सकती है l