प्लाज्मा थेरपी क्या है?, कोरोना वायरस के इलाज में कैसे होगी कारगर?

प्लाज्मा थेरपी क्या है?, कोरोना वायरस के इलाज में कैसे होगी कारगर?

प्लाज्मा थेरपी क्या है?, कोरोना वायरस के इलाज में कैसे होगी कारगर?
प्लाज्मा थेरपी क्या है?, कोरोना वायरस के इलाज में कैसे होगी कारगर?

प्लाज्मा थेरपी, सत्यकेतन समाचार : कोरोना वायरस से संक्रमित दिल्ली में प्लाज्मा थेरेपी का जरिये चार मरीजों का इलाज चल रहा है. जिसमें दो मरीजों की स्थिति में सुधार भी है. दिल्ली सरकार कोरोना के सभी सीरियस मरीजों में प्लाज्मा थेरपी का इस्तेमाल करना चाहती है. इसमें सबसे ज्यादा जरूरी है कोरोना को हरा चुके लोगों का प्लाज्मा. फिलहाल लोग प्लाज्मा डोनेट करने से डर रहे हैं. ऐसे लोगो को प्रोत्साहित करने के लिए डॉक्टर एसके सरीन (इंस्टिट्यूट ऑफ लिवर साइंस के डायरेक्टर) ने सामने आकर लोगो को प्लाज्मा थेरेपी के बारे में बताया.

डॉक्टर एसके सरीन (इंस्टिट्यूट ऑफ लिवर साइंस के डायरेक्टर) ने बताया इसमें कोरोना से ठीक हो चुके मरीज के शरीर से प्लाज्मा लिया जाता है. यह प्लाज्मा उसके खून में बनता है. इसकी मदद से एक से दो और मरीजों को ठीक किया जा सकता है.

क्या है प्लाज्मा थेरपी

किसी भी वायरस या बैक्टीरिया के प्रति बॉडी में एंटीबॉडी तभी बनता है जब मनुष्य उस वायरस से पीड़ित हो. अभी पूरी दुनिया में कोरोना फैला हुआ है. जो मरीज इस वायरस से सक्रमित हुवा एवं जब वह ठीक हो जाता है तो उस की बॉडी में इस वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी बनता है जीस से वह ठीक हो जाता है. किसी मरीज की बॉडी में एंटीबॉडी तुरंत नहीं बनता या फिर बनता ही नहीं जिस की वजह से वह सीरीज हो जाते है या फिर वायरस के चलते मृत्यु हो जाती है. ऐसे में जो मरीज अभी-अभी इस वायरस से ठीक हुआ है, उसके शरीर में एंटीबॉडी बना होता है, वही एंटबॉडी उसके शरीर से निकालकर दूसरे बीमार मरीज में डाल दिया जाता है. जैसे ही एंटीबॉडी जाता है मरीज पर इसका असर होता है और वायरस कमजोर होने लगता है, इससे मरीज के ठीक होने की संभावना ज्यादा बढ़ जाती है.

Noida Good News: कोरोना के ऐक्टिव केस से ज्यादा हुई ठीक होने वालों की संख्या

किस स्टेज पर करनी देनी होगी – प्लाज्मा थेरपी

डॉक्टर सरीन ने बताया कि कोरोना वायरस की मोटे तौर पर तीन स्टेज हैं. पहली में वायरस शरीर में जाता है. दूसरी में यह फेफड़ों तक पहुंचता है और तीसरे में शरीर इससे लड़ने और इसे मारने की कोशिश करता है जो सबसे खतरनाक स्टेज होती है. यहां शरीर के अंग तक खराब हो जाते हैं. डॉक्टर सरीन कहते हैं कि प्लाज्मा से इलाज के लिए सबसे सही वक्त दूसरी स्टेज होती है. क्योंकि पहली में इसे देने का फायदा नहीं और तीसरी में यह कारगर नहीं रहेगा. उनके मुताबिक, प्लाज्मा थेरपी मरीज को तीसरी स्टेज तक जाने से रोक सकती है.

पूरी दिनिया कोरोना वायरस के इलाज के लिए वैक्सीन तैयार नहीं कर पाई है. इस बीच वायरस के शिकार लोगों के इलाज के लिए प्लाज्मा थेरेपी काफी चर्चा में है.

डॉक्टर सरीन ने कहा कि कोरोना से ठीक हुए लोगों के लिए यह वक्त देशभक्ति दिखाने वाला है. वे बिना डरे आएं और प्लाज्मा डोनेट करें. लोगों की शंकाओं को दूर करते हुए डॉक्टर ने कहा कि जैसे डेंगु के दौरान सिर्फ प्लेटलेट चढ़ाई जाती हैं, वैसे ही यहां सिर्फ प्लाज्मा लिया जाएगा, जिससे कमजोरी या दूसरी किसी चीज का डर नहीं होता. उन्होंने कहा कि यह ब्लड डोनेशन जैसा नहीं है. इसमें तीन महीने वेट भी नहीं करना होता. अगर आपका मन करे तो 10 दिन बाद दोबारा आकर प्लाज्मा दे सकते हैं. उन्होंने प्लाज्मा थेरपी को बाकी तरह के इलाजों से कम खर्चीला भी बताया.

http://l1e.d8f.myftpupload.com/great-results-of-treatment-of-corona-with-plasma-therapy/

http://l1e.d8f.myftpupload.com/pm-modi-talks-to-sarpanches-across-the-country-through-video-conferencing/

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *