
नवीन कुमार, सत्यकेतन समाचार। दिल्ली के एम्स (AIIMS) अस्पताल में कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव (Comedian Raju Srivastava) का इलाज चल रहा है। उनकी हालत लगातार नाजुक होती जा रही है। एम्स के डॉक्टरों के मुताबिक राजू श्रीवास्तव के दिल और दिमाग ने काम करना बंद कर दिया है, वह ब्रेन डेड की स्थिति में पहुंच गए हैं। क्या आप जानते हैं ब्रेन डेड (Brain Dead) की स्थिति क्या होती है? क्या इस स्थिति में इंसान को मरा हुआ माना जाता है या फिर पूर्ण स्वस्थ हो सकता है।
ब्रेन डेड क्या है?
जब किसी भी इंसान का दिमाग पूरी तरह काम करना बंद कर दे, तो उस स्थिति को ब्रेन डेड (Brain Dead) को कहा जाता है। हालांकि ब्रेन डेड होने के बाद भी इंसान का दिल काम करता रहता है। ब्रेन डेड (Brain Dead) में इंसान के शरीर की वो सभी गतिविधियां काम करना बंद कर देती हैं जो दिमाग से संचालित होती हैं। लेकिन इस स्थिति में शरीर के बाकी अंग हार्ट, लीवर और किडनी आदि पूरी तरह काम करते हैं। ब्रेन डेड की स्थिति में कोई भी इंसान आता है, तो उसे वेंटिलेटर पर रखा जाता है। आसान भाषा में बताएं तो ब्रेन डेड की स्थिति में इंसान जिंदा होता तो है लेकिन वह ना ही कुछ देख पाता है ना ही सुन पाता है और ना ही कुछ बोल पाता है।
क्या है ब्रेन डेड मतलब?
कानूनी रूप से ब्रेन डेड की स्थिति में इंसान को मरा हुआ मान लिया जाता है। अगर कोई भी इंसान ब्रेन डेड की स्थिति में हो जाता है तो उसका मृत्यु प्रमाण पत्र (डेथ सर्टिफिकेट) ब्रेन डेड वाली तारीख को ही जारी किया जाएगा। चाहे उस इंसान की सांसें एक दो दिन या कुछ दिन और चलती रहें। अगर कोई इंसान ब्रेन डेड हो जाए तो उसके बचने की संभावना काफी कम होती है। इस प्रस्थिति से उसे कोई चमत्कार ही बचा सकता है।
ब्रेन डेड क्यों होता है?
ब्रेन डेड में इंसान के मस्तिष्क में रक्त और ऑक्सीजन की सप्लाई बंद हो जाती है। ऐसी स्थिति कई कारणों से आ सकती है। स्ट्रोक, दिल का दौरा, या सिर पर लगी चोट के कारण जब मस्तिष्क की कोशिकाएं क्षतिग्रस्त हो जाती हैं। ऐसे में दिमाग की कोशिकाएं दोबारा उत्पन्न नहीं होती हैं। वह व्यक्ति ब्रेन डेड हो जाता है। इसके साथ ही दिमाग में सूजन भी बढ़ने लगती है और दिमाग पूरी तरह काम करना बंद कर देता है।