“हम है बेरोज़गार, हमें दो रोज़गार” अंतिम चरण में है युवाओं की हुंकार

"We are unemployed, give us two jobs" is the last step of the youth

नई दिल्ली, सत्यकेतन समाचार। छात्रों की परीक्षा न होने की समस्या, कोरोना काल से पहले की है. और यदि परीक्षा हो भी जाए तो परिणाम की प्रतीक्षा करते सालों साल बित जाते हैं. फ़िर ज्वाइनिंग प्रोसेस आने तक उनका हौंसला डगमगाने लगता है. चूंकि, बेरोज़गारी अपने चरम पर है इसलिए पूरे देश भर से छात्रों ने शिक्षक दिवस के शुभ अवसर में 5 तारीख शाम 5 बजकर 5 मिनट में ताली और थाली बजा कर “हम है बेरोज़गार, हमें दो रोज़गार” जैसे नारे लगाकर अनुरोध प्रदर्शन किया.

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छात्रों का कहना है कि देश हित में उन्होंने सरकार के हर मुहिम का समर्थन किया है और आगे भी करेंगे. उनकी विनती है सरकार से कि छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ न किया जाए. प्रदर्शन के दौरान एक महत्वपूर्ण सवाल उन्होंने किया है कि जब चुनाव नज़दीक होता है तभी परीक्षा की तारीख या परीणाम क्यों घोषित होता है. इससे उन्हें सरकार की मंशा समझ आती है कि युवाओं कि समस्या पर ध्यान केंद्रित नहीं किया जा रहा है. यहां भी केवल राजनीति हो रही है.

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इससे छात्र समूह में भय का वातावरण उत्पन्न हो रहा है. माननीय प्रधानमंत्री द्वारा मन की बात कही जाने पर भी छात्रों ने आपत्ति जताई है. ताकि उनकी भी मन की बात सुनी जाए. अंततः युवा देश का भविष्य है, यदि विशेष रूप से युवाओं के हित में नहीं सोचा गया तो आने वाला समय और बुरा होगा.