नई दिल्ली: उज्बेकिस्तान के रहने वाले 12 वर्षीय खुसानबेक ओजोटिला ने दस साल बाद फिर से बोलना शुरू कर दिया है। तीन वर्ष की उम्र में एक दुर्घटना के कारण इलाज के दौरान उसकी बोलने की क्षमता चली गई थी। बच्चे को इलाज के लिए दिल्ली के अपोलो अस्पताल में लाया गया था। अस्पताल में बच्चें की सर्जरी करने वाले डॉ. सुरेश सिंह नरुका का कहना है कि वहीं के एक अस्पताल में बच्चे की ट्रेकियोस्टोमी हुई थी। इस प्रक्रिया में गर्दन में एक छेद कर मरीज की सांस नली में एक ट्यूब डाली जाती है। जिससे मरीज सांस ले सकें। लेकिन बच्चें की गर्दन में छेद स्थायी हो गया था। जिस कारण उसकी बोलने की क्षमता चली गई थी।
अस्पताल में इलाज के लिए उसे 16 दिसंबर को भर्ती किया गया था। यहां पर उसकी दो चरणों में सर्जरी हुई। पहले उसकी एंडोस्कोपिक जांच हुई। उसमें वायुमार्ग संकरा था। इस प्रक्रिया में बच्चें की टैकिया में टी-ट्यूब डाली गई। जो तकनीकी रूप से चुनौतीपूर्ण था। सात दिनों के बाद दूसरे चरण की सर्जरी हुई। इसमें श्वासनली को ठीक किया गया। फिर गर्दन का छेद बंद किया। उसकी गर्दन में पिछले दस सालों से जो ट्यूब डली उसे निकाला गया। उन्होंने कहा कि 10 साल आवाज से वंचित बच्चे ने फिर से बोलना शुरू कर दिया है। बच्चे की मां उम्मीद खो चुकी थी। बच्चे को 29 दिसंबर को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।