नई दिल्ली, सत्यकेतन समाचार। उर्दू लेखक मुजतबा हुसैन ने पद्म श्री पुरस्कार लौटाने का फैसला किया है। मुजतबा हुसैन ने कहा कि हमारा लोकतंत्र बिखर रहा है। अभी कोई व्यवस्था नहीं है, भाजपा पर तंज करते हुए कहा कि किसी को सुबह 7 बजे शपथ दिलाई जा रही है, रात के समय सरकारें बनाई जा रही हैं, देश में डर का एक माहौल है।
हुसैन ने कहा कि आपराधिक गतिविधियां दिनों दिन बढ़ती जा रही हैं, जिससे लोकतंत्र के सामने कई सारी चुनौतियां खड़ी हो गई हैं। हुसैन ने कहा, लोकतांत्रिक ढांचा गांधीजी, नेहरू, सरदार पटेल, मौलाना अब्दुल कलाम आजाद, अंबेडकर जैसे लोगों ने खड़ा किया जो अब टूट रहा है। लोगों की आवाज दबाई जा रही है, लोगों को मारा जा रहा है और गरीबों के साथ स्थिति ये है कि वे हंसने के लायक नहीं बचे।