तीस हजारी में वकीलों और पुलिसकर्मियों के बीच हुए संघर्ष के पीछे थी यह वजह

तीस हजारी में वकीलों और पुलिसकर्मियों के बीच हुए संघर्ष के पीछे थी यह वजह

तीस हजारी कोर्ट में पार्किंग को लेकर भड़के विवाद ने देखते ही देखते विकराल रूप धारण कर लिया। दरअसल, अदालत में अफवाह फैल गई कि पुलिस की गोली से एक वकील की मौत हो गई है। इसके बाद गुस्साए सैकड़ों वकील इकट्ठे हो गए। उन्होंने लॉकअप का मेन गेट तोड़ने की कोशिश की। कामयाब नहीं हुए तो बाहर खड़े पुलिस के वाहनों में आगजनी और तोड़फोड़ शुरू कर दी।


आगजनी के धुएं से लॉकअप में मौजूद कैदियों और पुलिसकर्मियों का दम घुटने लगा। बवाल की सूचना के बाद मौके पर पहुंची फोर्स ने हंगामा कर रहे वकीलों को खदेड़ा। इसके बाद लॉकअप में मौजूद कैदियों को सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट किया गया। शाम के समय हंगामा शांत होने के बाद भारी पुलिस बल की मौजूदगी में उन्हें कोर्ट से जेल भेजा गया। दोपहर 3 से शाम 5 बजे तक चले हंगामे के दौरान कोर्ट में कामकाज ठप हो गया।

कोर्ट में मौजूद एक प्रत्यक्षदर्शी का कहना है कि लॉकअप के बाहर हुए मामूली झगड़े के बाद पुलिसकर्मियों ने वकीलों को समझाने का प्रयास किया तो वे गाली-गलौज पर उतर आए। हंगामे के बीच उन्होंने पुलिसकर्मियों से हाथापाई शुरू कर दी। बाद में उन्होंने लॉकअप तोड़ने की कोशिश की। कैदियों की सुरक्षा और आत्मरक्षा में पुलिस ने हवा में गोली चलाई। इनमें से एक गोली वकील विजय वर्मा को जा लगी।

कोर्ट में पुलिस के गोली चलाने और इससे वकील की मौत की खबर आग की तरह फैली। इसके बाद लॉकअप के बाहर भीड़ जमा हो गई। वकीलों ने लॉकअप तोड़ने की कोशिश की। सूचना पर पहुंचे पुलिस बल को भी वकीलों का गुस्सा झेलना पड़ा। बवाल के दौरान उत्तरी जिला अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त हरेंद्र कुमार, एसएचओ कोतवाली, सिविल लाइंस, उपायुक्त के ऑपरेटर समेत कुल 10 पुलिसकर्मियों को चोटें लगीं।

कैदियों की सुरक्षा में छूटे पसीने
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि शनिवार को बवाल के दौरान लॉकअप में 100 से अधिक कैदी थे। उनकी सुरक्षा करने में पुलिसकर्मियों के पसीने छूट गए। उन्होंने अतिरिक्त पुलिस बल के आने तक लॉकअप को घेरे रखा। 5 बजे फोर्स अंदर दाखिल हुई और वकीलों को खदेड़ा गया।

इस बीच पूरी कोर्ट में अफरा-तफरी का माहौल रहा। कुछ वकील अपने चैंबर बंद कर चले भी गए, जबकि बड़ी संख्या में कोर्ट में मौजूद रहे। दूसरी ओर, कोर्ट परिसर में मौजूद जिन आम लोगों और मीडियाकर्मियों ने बवाल का वीडियो बनाने का प्रयास किया, उनके मोबाइल छीनकर तोड़ दिए गए। कुछ की पिटाई भी कर दी गई। शाम 6 बजे के बाद ही वकीलों को शांत किया जा सका। हालांकि देर रात तक कोर्ट में तनाव का माहौल बना था।

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