सुरक्षा का एकमात्र विकल्प – राष्ट्रभाव

सुरक्षा का एकमात्र विकल्प – राष्ट्रभाव

The only option for security - nationalism

नई दिल्ली, सत्यकेतन समाचार। इन्द्रप्रस्थ साहित्य भारतीं, दिल्ली (पंजी.) सम्बद्ध अखिल भारतीय साहित्य परिषद द्वारा गुरु नानकदेव जी के 550 वे जयंती वर्ष पर, स्वामी विवेकानंद जयंती की 157वीं जयंती के अवसर पर पश्चिमी दिल्ली के राष्ट्र शक्ति विद्यालय उत्तम नगर में आयोजित समारोह में केन्द्रीय साहित्य आकदमी के सदस्य और साहित्य परिक्रमा के संपादक इंदु शेखर तत्पुरुष ने अपने व्याख्यान में राष्ट्र की अवधारणा के विभिन्न बिंदुओं पर उदाहरण सहित चर्चा की।

इस अवसर पर तीस से अधिक कवियों ने राष्ट्रीय चेतना की प्रतिनिधि रचनाओं का वाचन भी किया तो डॉ. राहुल और राधा गोयल की पुस्तकों का लोकार्पण भी हुआ।

इस अवसर पर इंदुशेखर ने स्वामी विवेकानंद को स्मरण करते हुए राष्ट्र से संबंधित उनके कुछ प्रसिद्ध वाक्यों की चर्चा की। राष्ट्रहित को छोटे-छोटे लालच स्वार्थ की भेंट चढ़ाने से इस देश का बहुत नुकसान हुआ है।

इस कार्यक्रम के प्रथम सत्र में किशोर श्रीवास्तव, डॉ. सीबी शर्मा, प्रो. कुलविंदर सिंह, डॉ. कीर्तिवर्धन, देवेन्द्र वशिष्ट, नत्थी सिंह बघेल, अखिलेश द्विवेदी अकेला, मुनीष गोयल, जितेन्द्र कुमार सिंह, मिथिलेश सिंह, अरविंद त्यागी, अनुज द्विवेदी, चन्द्रशेखर कुमार, भगवान पाण्डेय, संजीव सिन्हा सहित तीस कवियों ने अपनी श्रेष्ठ कविताओं से सभागार में उपस्थित श्रोताओं का मन मोह लिया।

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