जीव रक्षा से बड़ा कोई धर्म नहीं

नई दिल्ली, सत्यकेतन समाचार। बेजुबान परिंदों की सेवा करना मनुष्य का धर्म है, क्यूंकि ये परिंदे भूखे रहकर भी इंसानों को अपनी भूख नहीं बता

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