
Sunlight fell five times: जहां एक तरफ देश और दुनिया कोरोना वायरस (Covid 19) महामारी से लड़ रही है. वहीं दूसरी और वैज्ञानिकों ने एक चौकने वाली बात कही है वैज्ञानिकों का कहना है कि धरती को सबसे ज्यादा ऊर्जा देने वाले सूरज की चमक कम हो गई है. वैज्ञानिकों का मानना है कि सूरज की रोशनी में कमी आ गई है. सूरज आकाशगंगा में मौजूद उसके जैसे अन्य तारों की तुलना में कमजोर पड़ गया है. थोड़ा बहुत नहीं, काफी ज्यादा कमजोर हो गया है. ऐसे में वैज्ञानिक अब ये पता कर रहे हैं कि आखिर ऐसा क्यों हुआ?
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आपको पता ही है कि सूरज धरती का एकमात्र ऊर्जा स्रोत है. लेकिन पिछले 9000 सालों से ये लगातार कमजोर होता जा रहा है. इसकी चमक कम हो रही है. ये दावा किया है जर्मनी के मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट के अंतरिक्ष वैज्ञानिकों का. मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों ने अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के केपलर स्पेस टेलीस्कोप से मिले आकंड़ों का अध्ययन करके यह खुलासा किया है.
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वहीं, वैज्ञानिक अभी तक यह नहीं जान पाए हैं कि कहीं ये किसी तूफान से पहले की शांति तो नहीं है. सूरज और उसके जैसे अन्य तारों का अध्ययन उनकी उम्र, चमक और रोटेशन के आधार पर की गई है. पिछले 9000 सालों में इसकी चमक में पांच गुना की कमी आई है.
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मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिक डॉ. एलेक्जेंडर शापिरो ने कहा कि हम हैरान हैं अपने सूरज से ज्यादा एक्टिव तारे मौजूद हैं हमारी आकाशगंगा में. हमने सूरज का उसके जैसे 2500 तारों से तुलना की है उसके बाद इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं. सूरज पर ये रिपोर्ट तैयार करने वाले दूसरे वैज्ञानिक डॉ. टिमो रीनहोल्ड ने बताया कि सूरज पिछले कुछ हजार साल से शांत है. ये गणना हम सूर्य की सतह पर बनने वाले सोलर स्पॉट से कर लेते हैं. लेकिन पिछले कुछ वर्षों में सोलर स्पॉट की संख्या में भी कमी आई है.