Social media Delhi violence: फर्जी संदेशों की शिकायत करने पर मिलेंगे 10 हजार रुपये

Delhi violence: फर्जी संदेशों की शिकायत करने पर मिलेंगे 10 हजार रुपये

Social media Delhi violence: दिल्ली विधानसभा की शांति एवं सद्भाव समिति ने भड़काऊ संदेशों से निजात पाने के लिए एक अनोखा तरीका अपनाया है। समिति ने तय किया है कि सोशल मीडिया पर फर्जी, भड़काऊ और सांप्रदायिक हिंसा को बढ़ाने वाले संदेशों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इससे निजात पाने के लिए समिति ने एक योजना शुरू की है।

इस योजना के तहत लोग फर्जी संदेशों की जानकारी व्हाट्सअप या मेल के जरिए भेज सकेंगे। जानकारी सही पाए जाने पर संदेश के बारे में शिकायत करने वाले को दस हजार रुपये मिलेंगे, जबकि फर्जी संदेश फैलाने वाले को तीन साल तक की जेल हो सकेगी।

ईमेल आईडी dvscommittee@delhi.gov.in और व्हाट्सअप नंबर 8950000946 जारी

विशेषज्ञों की समिति यह तय करेगी कि कोई संदेश फर्जी, भड़काऊ या किस प्रकार का है और उस पर क्या संज्ञान लिया जाएगा। समिति ने इसके लिए ईमेल आईडी dvscommittee@delhi.gov.in और व्हाट्सअप नंबर 8950000946 जारी किया है। जनता के बीच इस नंबर का प्रचार भी किया जाएगा।

आप नेता सौरभ भारद्वाज के मुताबिक घृणा फैलाने वालों की सूचना देने के लिए एक ई-मेल आईडी और व्हाट्सअप नंबर जारी किया गया है। इस पर कोई भी व्यक्ति सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर दो धर्मों के बीच दंगा कराने के उद्देश्य से फर्जी खबरें या अफवाहें फैलाने वालों की स्क्रीन शाॅट लेकर शिकायत कर सकता है।

http://l1e.d8f.myftpupload.com/holi-festival-delhi-violence-discussed-in-parliament-government-gives-date-of-march-11/

सोशल मीडिया प्लेटफार्म का भेजना होगा स्क्रीन शॉट

सूचना देने वाले व्यक्ति को पुरस्कृत किया जाएगा। इसके अलावा समिति ने आगामी पांच मार्च को दंगा प्रभावित सभी छह विधानसभा क्षेत्रों में शांति बैठक करने का फैसला लिया है। बैठक में सभी छह विधायक, समिति के सदस्य, दिल्ली पुलिस कमिश्नर और स्थानीय धार्मिक व सम्मानित लोग शामिल होंगे।

एक्सपर्ट बताएंगे, अपराध बन रहा है या नहीं।

Social media Delhi violence: दिल्ली हिंसा दंगे के मद्देनजर दिल्ली विधानसभा की शांति एवं सदभाव समिति की सोमवार को पहली बैठक हुई थी। मंगलवार को इसकी दूसरी बैठक हुई है। समिति ने फैसला लिया है कि धर्मों के बीच दंगा भड़काने के लिए कोई भी फर्जी खबरें या अफवाहें फैलाता है, तो उसे अब तीन साल की सजा होगी।

समिति के चेयरमैन सौरभ भारद्वाज का कहना कि एक लीगल एक्सपर्ट टीम बताएगी कि वायरल मैसेज के अंदर कोई अपराध बन रहा है या नहीं। समिति एक एजेंसी भी हायर करेगी, जो तथ्यों की जांच करेगी और बताएगी कि वह खबर असली है या फर्जी है।

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