सऊदी ने घटाई कच्चे तेल की कीमतें

सऊदी ने घटाई कच्चे तेल की कीमतें

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दुबई। सऊदी अरब और रूस के बीच प्राइस वार का असर दिखना शुरू हो गया है। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल (कच्चे तेल) की कीमतों में 30 फीसदी की भारी गिरावट दर्ज की गई है। कच्चे तेल की कीमतों में यह गिरावट सऊदी अरब द्वारा रूस के साथ प्राइस वार शुरू करने की वजह से आई है। 1991 के बाद कच्चे की तेल की कीमतों में यह सबसे बड़ी गिरावट है।

  •  अब तक की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज

इसके अलावा कोरोनो वायरस के प्रकोप की वजह से मांग में कमी को भी कीमतों में गिरावट की एक वजह बताया जा रहा है। दरअसल तेल की मांग कम होने के बावजूद आपूर्ति पहले जैसा ही बना हुई है। ऐसे में तेल निर्यातक देशों के संगठन ओपेक और सहयोगियों के बीच तेल उत्पादन में कटौती को लेकर बैठक हुई थी, लेकिन इसमें समझौता नहीं हो पाया है।

इस कारण अंतरराष्ट्रीय बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड फ्यूचर 14.25 डॉलर टूटकर 31.02 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया। यह 17 जनवरी 1991, पहला खाड़ी युद्ध शुरू होने और 12 फरवरी, 2016 के बाद कच्चे तेल की कीमतों में सबसे बड़ी गिरावट है। यह 0114 जीएमटी पर 35.75 डॉलर प्रति बैरल पर ट्रेड कर रहा था।

वहीं अमेरिकी वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट क्रूड की कीमतें भी 11.28 डॉलर गिरकर 30 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया। खाड़ी युद्ध जनवरी 1991 के बाद डब्ल्यूटीआई में यह सबसे बड़ी गिरावट है और 22 फरवरी 2016 के बाद यह सबसे निचला स्तर है1 यह 32.61 प्रति डॉलर पर ट्रेड कर रहा था। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के भाव में इस कटौती का सीधा लाभ घरेलू बाजार में भी देखने को मिलेगा। बाजार ‎‎विशेषज्ञों का कहना है ‎कि कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट से भारत में पेट्रोल और डीजल 5-6 रुपए प्रति लीटर सस्ता हो सकता है। इससे ज्यादा तेल के भाव में गिरावट नहीं आ सकती है, क्योंकि अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपए में कमजोरी बनी हुई है।

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