S-400 कि समय पर डिलीवर करेगा रूस, भारत ने छह हजार करोड़ से अधिक का भुगतान किया

S-400 missile
S-400 missile

भारत: S-400 भारत को रूस से एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली की पहली खेप साल 2020 के अंत तक प्राप्त हो जाएगी। भारत ने इसके लिए छह हजार करोड़ रुपये से अधिक राशि का भुगतान रूस को कर दिया है। अमेरिका के काट्सा कानून से बचने के लिए भारत और रूस ने विशेष तरीके से इस भुगतान को अंतिम रूप दिया।

अमेरिका ने 2017 में काट्सा एक्ट (CAATSA) के तहत प्रतिबंधित देशों के साथ व्यापार करने वाले देशों के खिलाफ भी प्रतिबंध लगाने का कानून लाया था। इस एक्ट के तहत अमेरिका के कथित दुश्मन रूस, ईरान, वेनेजुएला और उत्तर कोरिया जैसे देशों से व्यापारिक संबंध रखने वाले अन्य देशों पर यह एक्ट प्रभावी होता है।

इस कारण रूस से लगातार हो रही रक्षा डील के भुगतान में बाधा पैदा हो रही है। क्योंकि वैश्विक मुद्रा डॉलर में रूस को अब भुगतान नहीं किया जा सकता है। इसलिए भारत और रूस ने मिलकर बीच का रास्ता निकाला है। इससे काट्सा एक्ट से भी बचा जा सकेगा।

S-400 missile
S-400 missile
  • कितना खतरनाक है S-400 मिसाइल सिस्टम

साल 2015 से भारत-रूस में इस मिसाइल सिस्टम की डील को लेकर बात चल रही है। कई देश रूस से यह सिस्टम खरीदना चाहते हैं क्योंकि इसे अमेरिका के थाड (टर्मिनल हाई ऑल्टिट्यूड एरिया डिफेंस) सिस्टम से बेहतर माना जाता है।

इस एक मिसाइल सिस्टम में कई सिस्टम एकसाथ लगे होने के कारण इसकी सामरिक क्षमता काफी मजबूत मानी जाती है। अलग-अलग काम करने वाले कई राडार, खुद निशाने को चिन्हित करने वाले एंटी एयरक्राफ्ट मिसाइल सिस्टम, लॉन्चर, कमांड और कंट्रोल सेंटर एक साथ होने के कारण S-400 की दुनिया में काफी मांग है।

  • इसकी मारक क्षमता अचूक है क्योंकि यह एक साथ तीन दिशाओं में मिसाइल दाग सकता है।
  • 400 किमी के रेंज में एक साथ कई लड़ाकू विमान, बैलिस्टिक व क्रूज मिसाइल और ड्रोन पर यह हमला कर सकता है।
  • S-400 ट्रायम्फ मिसाइल एक साथ 100 हवाई खतरों को भांप सकता है और अमेरिका निर्मित एफ-35 जैसे 6 लड़ाकू विमानों को दाग सकता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *