
नई दिल्ली, सत्यकेतन समाचार। पूरे भारत में कोरोना महामारी के दूसरी लहर का ख़ौफ़ हर मिनट दर मिनट आसमान छूता जा रहा है. ख़बरों के अनुसार, इस वर्ष राष्ट्र में पिछले 24 घंटों में अब तक का सबसे खतरनाक असर देखने को मिला है जिसमें करीब 93,249 कोरोना के नए मामले और लगभग 513 संक्रमितों की मौत का आकड़ा दर्ज किया गया है.
महाराष्ट्र, कर्नाटका, केरल, पंजाब, छत्तीसगढ़ के बाद अब दिल्ली के भी हालात बिगड़ते जा रहे हैं। आकड़ों में देखा जाए तो, दिल्ली में अभी बीते शुक्रवार को होम आईसोलेट होने वाले संक्रमितों की गिनती केवल 700 से पार थी. लेकिन वही, शनिवार को बढ़ कर तकरीबन 6,569 तक पहुंच गई. यानि यह कहना बिल्कुल भी गलत नहीं होगा कि, राजधानी के रोज़ाना कोरोना केस अपने ही रकॉर्ड तोड़ रहें हैं.
शनिवार को एम्स प्रोफेसर, संजीव सिन्हा ने ANI से बातचीत के दौरान कहा कि, दिल्ली और महारष्ट्र जैसे राज्यों में कोरोना मामले के बढ़ने का सबसे पहला कारण है कि यहां के लोग कोरोना सम्बंधित दिशा-निर्देशों का पालन बिल्कुल भी ठीक से नहीं कर रहे हैं. मामलों के फीसदी में निरंतर बढ़ौतरी को देखते हुए, केंद्र सरकार ने राजधानी में सख्ताई का रुख अपना लिया है.
दिल्ली शासन का एक बार फिर से आदेश है कि, कोरोना से बचाव के नियमों का प्रत्येक व्यक्ति को कठोरता से अनुसरण करना है. बता दें, इन नियमों में मुख्यरूप से नाक-मुँह को मास्क की मदद से अच्छे से ढंकने, 2 गज दूरी का पालन करने और हाथों को बार बार धोने या सैनिटाइज़ करने जैसी प्रक्रिया शामिल हैं. उच्च अधिकारियों का कहना है कि, यदि कोई इंसान इन निर्देशों का उलंघन करता है तो पुलिस को उससे 2000 रूपए का जुर्माना लेने अथवा अन्य किसी भी कारवाही को करने के लिए पूरी इजाज़त है.
इसके अलावा, पिछले साल की तरह ही इस बार भी मज़दूरों की चिंता बढ़ती जा रही है, उन्हें खौफ है कि कहीं पहले की ही तरह उन्हें शहर से गाँव का रास्ता पैदल ही न मापना पड़ जाए.