- सामाजिक कार्य करते-करते स्थापित की भारतीय पंचायती राज पार्टी
नई दिल्ली, सत्यकेतन समाचार। जहां चाह, वहां राह, पेशे से भारतीय वकील राजीव कुमार रंजन पर यह कहावत पूरी तरह चरितार्थ साबित होती है. वे मुख्य रूप से भारत के सर्वोच्च न्यायालय एवं उनके अधीनस्थ न्यायालय में प्रैक्टिस करते हैं और सर्वोच्च न्यायालय में यूनियन ऑफ इंडिया के वकील भी हैं. हाल में उन्होंने ‘भारतीय पंचायती राज पार्टी’ (बीपीआरपी) की स्थापना की है और वे इसके संस्थापक अध्यक्ष भी हैं. चलिए एक नज़र डालते हैं उनकी वकालत से बीपीआरपी तक के सफर पर…
उपलब्धियां
राजीव कुमार रंजन सहकारी आंदोलनों के साथ-साथ समाज सुधार के आंदोलनों में भी सक्रिय रहे हैं. वर्ष 2016 में द वैश्य कॉपरेटिव आदर्श बैंक लिमिटेड दिल्ली के पेशेवर निर्देशक होने के नाते दिल्ली सरकार ने उन्हें सहकारिता क्षेत्र में उनकी उपलब्धियों के लिए उन्हें ‘सर्वश्रेष्ठ सहकारी रत्न’ से सम्मानित किया. वे अभी भी इसके निर्देशक का कार्यभार संभाल रहे हैं. वे वर्ल्ड हार्मोनी एंड पीस फाउंडेशन के संस्थापक और निर्देशक भी हैं जिसका उद्देश्य समाज में शांति, सदभाव और खुशी को बढ़ावा देना है. इसके अलावा वे इंटरनेशनल ह्यूमन राइट्स कॉउंसिल के संस्थापक और निर्देशक भी हैं जो घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मानव अधिकारों के संरक्षण और संवर्धन के क्षेत्र में बड़े पैमाने पर काम करती है.
प्रारंभिक जीवन
राजीव कुमार रंजन का जन्म 30 नवंबर 1976 को भारत के बिहार में स्थित वैशाली जिले के हाजीपुर क्षेत्र के मौदह चतुर गांव के एक हिन्दू कायस्थ परिवार में हुआ. उनके दादा स्वर्गीय बिशुन देव नारायण प्रसाद, उर्दू और पर्सियन भाषा के प्रख्यात दस्तावेज लेखक और विद्वान थे. उनके पिता श्री मदन मोहन प्रसाद, सेवानिवृत्त शिक्षाविद, बिहार में एक हाई स्कूल के शिक्षक थे. उनकी मां स्वर्गीय श्रीमती प्रमिला देवी, एक सामाजिक कार्यकर्ता और आंगनवाड़ी सेविका थीं. उनकी दो बहनें माधुरी कुमारी और रीना कुमारी हैं, जिनका विवाह हो चुका है. उनके दो भाई विनोद कुमार सिन्हा और विपिन कुमार सिन्हा है जो अपने परिवार के साथ रहते हैं. राजीव का विवाह श्वेता एस रंजन से हुआ है और इनके पुत्र का नाम आदित्य रंजन है.
शिक्षा
राजीव की स्कूली शिक्षा इनके गांव मिडिल स्कूल मौदह से हुई. इन्होंने 10वीं की बोर्ड परीक्षा मौदह हाइस्कूल से प्रथम श्रेणी में पास की. इसके बाद बिहार के एलएस कॉलेज से इंग्लिश ऑनर्स में ग्रेजुएशन की. फिर बिहार के बीआरएबी विश्वविद्यालय के एसकेजे कॉलेज से कानून की डिग्री हासिल की. अपने पेशे के दौरान राजीव ने मेरठ के एसवीएस विश्वविद्यालय से अंग्रेजी साहित्य में पोस्ट ग्रेजुएशन डिग्री की. इसके बाद उन्होंने जयपुर के जेएनयू से मानव संसाधन में व्यवसाय प्रशासन में पोस्ट ग्रेजुएशन और नागालैंड के टीगाओं से एलएलएम किया. उन्हें अंतरराष्ट्रीय कानून में मानद डॉक्टरेट उपाधि से भी सम्मानित किया गया.
व्यावसायिक जीवन
राजीव कुमार रंजन ने 2002 में दिल्ली में माननीय सर्वोच्च न्यायालय और अन्य अधीनस्थ न्यायालयों के समक्ष नियमित रूप से पेश होने के साथ एक अधिवक्ता के रूप में कैरियर की आधिकारिक शुरुआत की. वर्ष 2002 में राजीव ने बार काउंसिल ऑफ दिल्ली के साथ एक वकील के तौर पर पंजीकरण कराया. 2003 में उन्हें सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के सदस्य के तौर पर दाखिल किया गया. इसके बाद राजीव ने उनकी लॉ फर्म ‘रंजन एंड कंपनी एंड इंटरनेशनल लॉ फर्म एलएलपी की स्थापना की. पिछले डेढ़ दशक में इस फर्म ने कॉरपोरेट, सरकारी संस्थानों के साथ-साथ इंडिविजुअल सहित कई प्रतिष्ठित ग्राहकों का विश्वास हासिल किया. वे 2019 में भारत सरकार के कानून और न्याय मंत्रालय द्वारा नियुक्त सुप्रीम कोर्ट में ग्रुप ए अधिवक्ता भी हैं.
राजनीतिक जीवन
राजीव एक दशक से अधिक समय से सामाजिक कार्यकर्ता और सुधारक के रूप में कार्यरत हैं. सार्वजनिक सेवा जारी रखने और लोगों की समस्याओं का समाधान खोजने के उद्देश्य से राजीव कुमार रंजन ने 12 मार्च 2020 को ‘भारतीय पंचायती राज पार्टी’ की स्थापना की. इसका उद्देश्य पंचायत से संसद तक देश और उसके लोगों से संबंधित सभी समस्याओं का समाधान करना है. इसकी नींव समाज सुधारकों, राजनेताओं और देशहित में काम करने वाले विचारकों के प्रयासों पर रखी गई है. बीपीआरपी ने भारत के अन्य राज्यों में शाखाओं के साथ बिहार में अपनी जड़ें पाई. पार्टी टूटी हुई पंचायती राज व्यवस्था के पुनर्निर्माण के लिए समर्पित है जो महान भारतीय लोकतंत्र का पहला चरण है. पार्टी देश और इसके लोगों से संबंधित समस्याओं का समाधान खोजने के लिए दृढ़ है. जो पंचायत से संसद तक अपना रास्ता बनाती है.