राजस्थान: हेड कॉन्स्टेबल रतनलाल के परिजन बैठे धरने पर, माँगा शहीद का दर्जा

हेड कॉन्स्टेबल रतनलाल
हेड कॉन्स्टेबल रतनलाल

दिल्ली, अभिषेक सिसोदिया : दिल्ली में चल रही हिंसा के दौरान शहीद हुए हेड कॉन्स्टेबल रतनलाल के परिजनों ने राजस्थान के सीकर में धनरा प्रदर्शन किया है। उनका कहना है कि जब तक हेड कॉन्स्टेबल रतनलाल को शहीद का दर्जा नहीं दिया जायेगा वह अंतिम संस्कार नहीं करेंगे।

दिल्ली में हुई हिंसा के दौरान रतनलाल की हिंसा को रोकते हुए जान चली गयी इसी कारण उनके परिवार वालो का कहना है कि जब तक रतनलाल को सहीद का दर्जा नहीं दिया जायेगा वह इसी तरह धरना प्रदर्शन करेंगे। हालाँकि राजस्थान पुलिस के सीनियर अधिकारी इस धरने वाली जगह पर पहुंचे और परिवार को समझाने की कोशिश की कि पुलिस अधिकारियों की परिवार से अपील है कि वो धरना स्थल से हट जाएं और रतनलाल का अंतिम संस्कार करें।

राजस्थान के सीकर में धनरा प्रदर्शन
राजस्थान के सीकर में धनरा प्रदर्शन

बुधवार को उनके परिवार ने पैतृक गांव जाने वाले रास्ते पर जाम लगा दिया। सीकर जाने वाली सड़क पर रतनलाल के परिवार ने तीन किलोमीटर का धरना किया। परिवार का कहना है कि जबतक रतनलाल को शहीद का दर्जा नहीं मिलेगा, वो उनका अंतिम संस्कार नहीं करेंगे. पुलिस कॉन्स्टेबल रतनलाल का पैतृक गांव फतेहपुर शेखावाटी के तिहावली में है, जहां पर परिवार के साथ गांव वाले भी धरना दे रहे हैं।

नागरिकता संशोधन कानून को लेकर दिल्ली की सड़कों हिंसा का माहौल है। दिल्ली के उत्तर-पूर्वी इलाके में सोमवार को हिंसा के दौरान हेड कॉन्स्टेबल रतनलाल की ड्यूटी लगी थी। इसी दौरान मौजपुर इलाके में हजारों लोग सड़कों पर उतरे और पत्थरबाजी-आगजनी शुरू कर दी। हिंसा को रोकने के लिए रतनलाल ड्यूटी पर थे और इसी दौरान पत्थरबाजी में वो घायल हुए और शहीद हो गए।

जिस वक्त रतनलाल दिल्ली में हिंसा को रोकने के लिए ड्यूटी पर थे, तब वो बुखार से तप रहे थे लेकिन इसके बावजूद हो सड़कों पर उतरे और अपना काम किया। रतन लाल अपने पीछे परिवार में पत्नी पूनम, दो बेटी और एक 9 साल का बेटा छोड़ गए हैं।

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