राजस्थान में कोटा के एक अस्पताल में दिसंबर महीने में करीब 104 बच्चों की मौत हुई है। राजस्थान के कोटा स्थिति जे के लोन अस्पताल में बच्चों की मौत पर केंद्र सरकार ने सक्रियता दिखाई है और विशेषज्ञों की टीम कोटा भेजने का फैसला लिया है। केन्द्र सरकार के विशेषज्ञों का एक उच्चस्तरीय दल आज यानी शुक्रवार को कोटा पहुंचेगा। इतना ही नहीं, केन्द्र सरकार ने ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए राजस्थान सरकार को अतिरिक्त मदद का आश्वासन भी दिया है। बता दें कि कोटा अस्पताल में बच्चों की मौत का सिलसिला नहीं थम रहा है और दिसंबर महीने में यह आंकड़ा 100 पार हो गया।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की विशेष टीम में जोधपुर एम्स के विशेषज्ञ डॉक्टर, स्वास्थ्य, वित्त और क्षेत्रीय निदेशक शामिल होंगे। इसके अलावा जयपुर से भी विशेषज्ञों को इसमें शामिल किया गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन ने बताया कि उन्होंने इस बारे में राजस्थान के मुख्यमंत्री से बात की है। उनके मुताबिक, केंद्र सरकार ने राजस्थान सरकार को बच्चों के इलाज में हर संभव मदद देने का भरोसा दिया है।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि बाल रोग विशेषज्ञ की एक टीम को भी राजस्थान के लिए रवाना किया गया है, ताकि वहां बच्चों की मौत रोकी जा सके। डॉ. हर्षवर्धन ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को बताया कि जे.के. लोन अस्पताल को वित्तवर्ष 2019-20 में अग्रिम राशि के तौर पर पर 91 लाख रुपये पहले ही दिए जा चुके हैं। यह राशि नेशनल हेल्थ मिशन के तहत दी गई है। वहीं कोटा जिले की बात करें तो वित्तवर्ष 2019 -20 के लिए इस जिले को 27 करोड़ 45 लाख रुपये आवंटित किए गए हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने राजस्थान के मुख्यमंत्री से और अधिक वित्तीय सहायता दिए जाने की पेशकश की है। डॉ. हर्ष वर्धन ने राजस्थान सरकार से कहा कि जरूरत होने पर राजस्थान सरकार वित्तीय सहायता के लिए केंद्र को प्रस्ताव भेज सकती है। इससे पहले, भाजपा की 4 महिला सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल ने कोटा स्थित जे.के. लोन अस्पताल का निरीक्षण किया।
गौरतलब है कि अस्पताल में बुधवार को तीन तथा बृहस्पतिवार को एक और नवजात शिशु की मौत के साथ दिसंबर और जनवरी माह में मरने वाले नवजात शिशुओं की संख्या 104 हो गई है।