फिलीपींस के बाटनगैस प्रांत के तागेते शहर में स्थित ताल ज्वालामुखी रविवार को फट पड़ा. यह इतना भयावह नजारा था कि आसपास के शहरों के लोग घबरा गए. इस ज्वालामुखी के फटने के बाद करीब 50 हजार फीट ऊंचा राख का बादल बन गया. राख का बादल इतना ज्यादा चार्ज था कि उसने तीन से चार बार आसमान से बिजलियां खींच लीं. ताल ज्वालामुखी का राख 110 किलोमीटर दूर स्थित फिलीपींस की राजधानी मनीला तक पहुंच गया. ज्वालामुखी फटने के बाद पूरे इलाके में 75 से ज्यादा भूकंप के झटके के आए. भूकंप, राख और खराब मौसम से बचने के लिए 2534 से ज्यादा परिवारों को बचाया गया है.
फिलीपींस की राजधानी मनीला के अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट से पिछले 24 घंटों में 242 उड़ानें रद्द की गई हैं. फिलहाल इस एयरपोर्ट से सभी उड़ानें रोक दी गई हैं. क्योंकि राख के बादलों से 2.5 इंच व्यास तक के लावे के पत्थर गिर रहे हैं. ये पत्थर गोल्फ बॉल से भी बड़े हैं. अगर ये किसी आदमी, वाहन या प्लेन से टकराते हैं तो जानलेवा साबित हो सकते हैं.
फिलीपींस इंस्टीट्यूट ऑफ वॉल्कैनेलॉजी एंड सीसमोलॉजी ने ज्वालामुखी की वजह से अलर्ट का स्तर 4 कर दिया है यानी बेहद खतरनाक स्थिति. इस अलर्ट को तब जारी किया जाता है जब लगता है कि ज्वालामुखी से अगले कुछ दिनों तक और नुकसान की आशंका होती है. ताल ज्वालामुखी के फटने के बाद उससे निकली राख और गैसों ने 60 किलोमीटर प्रति घंटा के रफ्तार से फैलना शुरू किया. इसके बाद ज्वालामुखी से करीब 110 किलोमीटर दूर राजधानी मनीला तक राख के चादर बिछ गए. ज्वालामुखी के आसपास और बाटनगैस प्रांत में रहने वाले करीब 3 लाख लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया जा रहा है. 1911 में भी ताल ज्वालामुखी फटा था, तब इसकी वजह से 1500 लोग मारे गए थे. लेकिन उसके बाद से कई बार फटा पर इतना नुकसान नहीं हुआ.
फिलीपींस की सरकार ने लोगों को मास्क पहनने की सलाह दी है. साथ ही घरों से निकलने को मना किया है. ज्वालामुखी फटने के बाद बाटनगैस प्रांत के कई इलाकों में बारिश भी हुई. राख और बारिश से इस जगहों पर कीचड़ बन गया है. लोगों के घर, गाड़ियां, सड़क, पार्क आदि सब कीचड़ से भर गए हैं. राहत एवं बचावकर्मी इसी कीचड़ के रास्ते लोगों को सुरक्षित स्थानों पर लेकर जा रहे हैं. फिलीपींस के रेलवे सेवा की लाइट रेल ट्रांजिट लाइन-2 को बंद कर दिया गया है. इस इलेक्ट्रिक रेलवे लाइन में बिजली की सप्लाई रूक गई है क्योंकि ट्रांसमिशन लाइन पर राख जमा हो गई और कई पावर ट्रांसफॉर्मर उड़ गए हैं.
ताल ज्वालामुखी के 15 किलोमीटर के दायरे में चारों तरफ का इलाका पूरी तरह से खाली करा लिया गया है. फिलीपींस के मौसम विभाग की आशंका है कि अगर ज्वालामुखी विस्फोट के बाद आने वाले भूकंप के झटके बंद नहीं हुए तो सुनामी भी आ सकती है. अगर ऐसा हुआ तो भारी तबाही हो सकती है. फिलीपींस में इससे पहले किसी भी ज्वालामुखी के फटने से इतनी भयावहता नहीं देखी थी. ताल ज्वालामुखी से फैले राख को साफ करने में ही करीब 15 दिन से ज्यादा समय लग जाएगा.