सिंगल यूज प्‍लास्टिक के खिलाफ PM मोदी ने छेड़ी मुहिम

सिंगल यूज प्‍लास्टिक के खिलाफ PM मोदी ने छेड़ी मुहिम

सत्यकेतन समाचार : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिंगल यूज प्लास्टिक (Plastic) के इस्तेमाल को रोकने के लिए मिशन की शुरुआत उत्तर प्रदेश के मथुरा में की, इस दौरान पीएम मोदी ने वहां पर मौजूद कर्मचारियों से बात की। स्वच्छ भारत और हर घर जल जैसी बड़ी योजनाओं के बाद अब देश में सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल को खत्म करने की मुहिम प्रधान मंत्री ने छेड़ी है दरअसल, बीते 15 अगस्‍त 2019 को लाल किले से पीएम मोदी ने अपने भाषण में भारत को प्लास्टिक प्रदूषण से मुक्त करने की घोषणा की थी इसके साथ ही उन्‍होंने 2 अक्टूबर से सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन लगाने के संकेत दिए थे अब आधिकारिक तौर पर पीएम मोदी ने इसके खिलाफ मुहिम छेड़ दी है।

सवाल है कि सिंगल-यूज प्लास्टिक क्या है और इसके दायरे में प्‍लास्टिक के कौन से प्रोडक्‍ट आते हैं ?

सिंगल यूज प्लास्टिक (Single use plastic) उसे कहते हैं जिसका हम एक बार ही इस्‍तेमाल करते हैं। रोजमर्रा की जिंदगी (Everyday life) में तमाम ऐसे प्‍लास्टिक के प्रोडक्‍ट (Products) हैं जिन्हे हम एक बार इस्‍तेमाल कर फेंक देते है इसी तरह के प्‍लास्टिक को सिंगल यूज प्‍लास्टिक कहा जाता है। इसे डिस्पोजेबल प्‍लास्टिक (Disposable plastic) के नाम से भी जाना जाता है। सिंगल यूज प्‍लास्टिक प्रोडक्‍ट की बात करें तो इसमें- प्लास्टिक बैग, प्लास्टिक की बोतलें, स्ट्रॉ, कप, प्लेट्स, फूड पैकजिंग में इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक, गिफ्ट रैपर्स और कॉफी के डिस्पोजेबल कप्स आदि शामिल हैं।

भारत में सिंगल प्‍लास्टिक यूज करने वालों में ई-कॉमर्स (E-commerce) कंपनियां सबसे आगे हैं। सालाना उपयोग होने वाले प्लास्टिक प्रोडक्ट में करीब 40 फीसदी प्लास्टिक की खपत ई-कॉमर्स सेक्टर (e-commerce sector) में होती है। सस्ती स्मार्टफोन कंपनियां समेत ई-कॉमर्स कंपनियां कस्‍टमर को अपने प्रोडक्ट की डिलिवरी करते हैं तो उसमें प्‍लास्टिक का अधिक यूज करते हैं। हालांकि एमाज़ॉन और फ्लिपकार्ट जैसी कंपनियों ने प्‍लास्टिक के इस्‍तेमाल को कम करने के लिए पहल भी शुरू कर दी है।

हर साल 300 मिलियन टन प्‍लास्टिक प्रोड्यूस होता है, इसमें से 150 मिलियन टन प्‍लास्टिक सिंगल-यूज होता है। यानी जो प्‍लास्टिक हम एक बार इस्‍तेमाल कर फेंक देते हैं, वहीं दुनियाभर में सिर्फ 10 से 13 फीसदी प्‍लास्टिक री-साइकिल (Re-cycle) हो पाता है।

जो प्‍लास्टिक फेंक दिया जाता है वो मिट्टी और पानी दोनों को प्रदूषित करता है। इस वजह से जीवों के अलावा हमारे शरीर को भी नुकसान पहुंचता है। प्‍लास्टिक कई बीमारियों की जड़ भी बन चुका है। यही वजह है कि दुनियाभर के देश इसको लेकर कठोर रणनीति बना रहे हैं। यूरोपियन यूनियन ने साल 2021 तक सिंगल यूज प्लास्टिक आइटम का उपयोग पूरी तरह बंद करने का लक्ष्य तय किया है, वहीं चीन के कॉमर्शियल हब शंघाई (commercial hub Shanghai) ने सिंगल यूज प्लास्टिक पर साल 2025 तक पूर्ण प्रतिबंध का लक्ष्य तय किया।

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