
नई दिल्ली, सत्यकेतन समाचार। कोरोना वायरस से बचाव करने के लिए सभी राष्ट्र की सरकार ने बड़े पैमाने पर यह ऐलान कर दिया कि, कोरोना टीकाकरण लगवाना सभी के लिए अनिवार्य है. खासतौर से, बीमार और बूढ़े-बुज़ुर्गों को, जिससे वह कोरोना संक्रमण में आने से बच सकेंगे। लेकिन, बावजूद इसके देशभर से कोरोना मरीज़ों से जुड़ा बड़ा ही चौंका देने वाला आकड़ा सामने आ रहा है. और उससे भी खतरनाक बात यह है कि, यह कोरोना संक्रमितों और उससे मरने वालों की गिनती हर घंटे बढ़ती जा रही है.
जिसको देखते हुए, विशेषज्ञों ने घोषणा कर दी की टीकाकरण के बाद भी आपसे संक्रमण फैलने के आसार बने हुए हैं. इसलिए, सभी कोरोना प्रोटोकॉल्स का पालन करें और खुद को उसी तरह से बचाए रखने की कोशिश करें जैसे वैक्सीन के आने से पहले करते थे.
यहाँ सभी नागरिकों का सरकार और चिकित्सकों से यह सवाल है कि, जब उन्होंने कोरोना संक्रमित रोग से बचाव के दोनों ही टीके लगवा लिए हैं तो फिर उनसे कोरोना वायरस कैसे फ़ैल सकते हैं.
हम इसी सवाल का जवाब लेकर आये हैं कि, आखिर कोरोना वैक्सीन का टिका लगवाने के बाद भी आपको औरो की तरह ही लापरवाही छोड़ अपना अधिक से अधिक ध्यान देना होगा।
पहली बात, अभी विश्व की कोई भी ऐसी वैक्सीन नहीं आयी है जो 100 प्रतिशत सुरक्षा का दावा करती हो. ना ही, कोई विशेषज्ञ है ऐसा जो यह गारंटी देता हो कि, एक बार टीकाकरण के दोनों डोज़ेज लगवाने के बाद आपकी जान माल पूरी तरह से कोरोना रोग मुक्त हो जाएगी है. ऐसा इसलिए, क्यूंकि कोरोना वैक्सीन लगने के बाद कम से कम 4 से 6 हफ्ते का समय लगता है. साथ ही, वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी बनने और प्रतिक्रया देने में भी कुछ वक़्त लगता है..
आसान शब्दों में कहें तो, वैक्सीन को आपके शरीर में जा कर असर दिखाने में थोड़ा वक़्त लगता है. अगर ऐसे में, एंटीबॉडी के रिस्पांस करने से पहले ही आप लापरवाही दिखाएंगे तो सक्रमण बढ़ने के खतरा बना रहेगा। जिसका सबसे बड़ा उदाहरण लखनऊ की किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी है. दरअसल, यूनिवर्सिटी के कोरोना की दोनों डोज लगवाने के बावजूद खुद वहाँ के 12 मेडिकल स्टाफ कोविड-19 पॉजिटिव पाए गए.
जिसके बाद उस यूनिवर्सिटी के पीआरओ डॉ सुधीर सिंह ने बयां दिया कि, “मेडिकल में किसी भी चीज़ की श्योरिटी नहीं होती। और दूसरी बात कि, इम्युनिटी बनने में भी कुछ वक़्त लगता है और माइक्रो ऑर्गेनिज़्म कई बार अपनी प्रवृत्ति भी बदलती है. ऐसे में सबसे बेहतर होगा कि, जिन्होंने टीकाकरण लगवा भी लिया है वो भी एहतियात बरतें।”
चलिए देखते हैं, इसपर विशेषज्ञों की क्या राय है
पल्मोनोलॉजी मेडिसिन के एक्सपर्ट डॉ. प्रीतपाल सिंह ए.बी.पी न्यूज़ को बताते हुए कहते हैं कि, ”कोई भी वैक्सीन होती है उसका ये मतलब नहीं होता है कि आपको इन्फेक्शन नहीं हो सकता. ऐसा नहीं है कि आप पॉजिटिव नहीं हो सकते. जैसे छोटे बच्चे हैं, उन्हें टीका लगाते है बीसीजी लगवाते हैं तो इसका मतलब है बच्चों को टीबी हो सकता है, लेकिन उससे होने वाली कॉम्पलीकेशन नहीं हो सकती. कोरोना की वैक्सीन के साथ भी ऐसा ही है.”
यानि कि, मतलब साफ़ है अगर आपने टिका नहीं लगवाया है तो सावधानी बरतें। और अगर आपने वैक्सीन के दोनों ही इंजेक्शन लगवा लिए हैं तब भी सभी कोरोना प्रोटोकॉल्स जैसे कि मास्क पहनना, शारीरिक दूरी बनाना और हाथों को sanitize करना ना छोड़े। सरकार और डॉक्टर्स का कहना है कि, कोरोना गाइडलाइन्स को फॉलो करें, सुरक्षित रहें।