Pakistan Budget: इमरान खान ने पेश किया बजट, लाखों कर्मचारियों की सैलरी और पेंशन रोकने को मजबूर

सत्यकेतन समाचार, नई दिल्ली: आर्थिक तंगहाली के बीच पाकिस्तान में इमरान खान सरकार ने अपना बजट (Pakistan Budget) पेश कर​ दिया है। एफएटीएफ और आर्थिक चुनौतियों के बीच सरकार ने कहा है कि वो 4.96 लाख करोड़ रुपये टैक्स से जुटायेगी। विपक्षी दलों ने पाक सरकार के इस बजट का विरोध किया है।

कोविड-19 संकट और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के दबाव के बीच पाकिस्तान ने टैक्स से होने वाली कमाई का लक्ष्य 27 फीसदी बढ़ाकर 4.96 लाख करोड़ रुपये रखा है। हालांकि, बजट में ऐसी कोई जानकारी नहीं दी गई कि इस लक्ष्य को कैसे पूरा किया जायेगा। कोई नया टैक्स भी नहीं लागू किया गया है।

जून में बजट पेश करती है पाक सरकार

बजट भाषण के बाद विपक्षी दलों ने इमरान खान सरकार का विरोध किया। पाकिस्तान के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ कि किसी वित्त मंत्री ने फेस मास्क लगातार बजट पेश किया। पाकिस्तान में वित्त वर्ष 1 जुलाई से 30 जून के बीच होता है और यहां जून के महीने में अगले वित्त वर्ष के लिये बजट (Pakistan Budget) पेश किया जाता है।

सैलरी और पेंशन को रोका

रेवेन्यू के मोर्चे पर भारी नुकसान झेल रही सरकार ने सब्सिडी में 48 फीसदी की कमी की है और पेट्रोलियम उत्पादों पर करीब 73 फीसदी टैक्स का इजाफा किया है। सैलरी और पेंशन पर भी रोक लगा दी है। इसके बाद भी पाक सरकार अपने वित्तीय घाटे को कम करने के लिए कोई साफ तस्वीर नहीं पेश कर पाई है। हालांकि, सरकार ने कोविड-19 संबंधित स्कीम्स पर 70 अरब रुपये खर्च करने का भी ऐलान किया है।

क्या है इमरान खान सरकार की नई रणनीति?

पाकिस्तानी अख़बार द डॉन ने एक्सपर्ट के हवाले से अपनी एक रिपोर्ट में लिखा है कि पीटीआई सरकार का यह बजट (Pakistan Budget) फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स यानी एफएटीएफ की चुनौतियों और आने वाली तिमाहियों में आईएमएफ के प्रोग्राम को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। पा​क सरकार ने 43 संस्थानों के निजीकरण, 8 नॉन-फंक्शनल इंस्टीट्यूशंस को खत्म करने, 14 को राज्य सरकारों के हाथ सौंपने और अन्य 35 संस्थानों के विलय का प्रस्ताव भी रखा है। इमरान खान सरकार का दावा है कि इससे राजकोषीय बोझ कम करने में मदद मिलेगी।

मंदी में पाक​ अर्थव्यवस्था

नये वित्त वर्ष में पाक सरकार पुराने कर्ज की सर्विसिंग पर 2.94 लाख करोड़ रुपये खर्च करेगी। पाकिस्तानी वित्त मंत्री ने माना कि अर्थव्यवस्था में मंदी का दौर है और वित्त वर्ष 2019-20 में जीडीपी 0.40 फीसदी सिकुड़ी है। इस साल के लिये इकोनॉमिक ग्रोथ का अनुमान 2.1 फीसदी पर लगाया गया है।

कोरोना से पा​क अर्थव्यवस्था बदहाल

हाल ही में न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने एक रिपोर्ट के हवाले से कहा है कि कोरोना के कारण पाकिस्तान की इकॉनमी में दशकों में सबसे ज्यादा गिरावट दर्ज की जाएगी। 30 जून को समाप्त हो रहे वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा बढ़कर जीडीपी का 9.4 फीसदी पर पहुंच जाएगा। लक्ष्य जीडीपी का 7.5 फीसदी रखा गया था।

 

 

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