Kailash Mansarovar yatra: हिंदू धर्म में कैलाश मानसरोवर (Kailash Mansarovar) यात्रा का बहुत महत्व है और हर साल लोग बडे़ प्रयास करके इस पवित्र स्थान तक पहुंचते हैं। माना जाता है कि यह पर्वत महादेव शंकर का निवास स्थान है। यहां से कई महत्वपूर्ण नदियां निकलतीं हैं – ब्रह्मपुत्र, सिन्धु, सतलुज इत्यादि। हिन्दू सनातन धर्म में इसे पवित्र माना गया है।
अब लोगों के लिए इस पवित्र पर्वत का दर्शन करना आसान होगा। इस मामले में ITBP में डीआईजी एपीएस निंबाडिया ने बताया कि जो लोग कैलाश नहीं जा सकते वे मुख्य लिपूलेख से 3 किलोमीटर पहले से ही दर्शन कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि जो श्रद्धालु वहां तक नहीं पहुंच सकते उनके लिए यह अच्छा मौका है।
बड़ी संख्या में लोग हर साल कैलाश मानसरोवर दर्शन करने जाते हैं और कई तरह की परेशानियों का भी सामना करते हैं। कई बार वीजा, या पासपोर्ट की दिक्कत की वजह से भी लोगों की इच्छा पूरी नहीं हो पाती है। डीआईजी ने बताया कि पहले ही उत्तराखंड सरकार को यह प्रस्ताव दिया गया था। मुख्य लिपुलेख से तीन किलोमीटर पहले ओल्ड लिपुलेख से कैलाश पर्वत दिखाई देता है। जो लोग कैलाश नहीं जा सकते है उन्हें यहां ले जाया जा सकता है और दर्शन करवाए जा सकते हैं।
लिपुलेख का मामला?
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने पिथौरगढ़ से लिपुलेख तक जाने वाली सड़क का उद्घाटन किया जिसके माध्यम से एक या दो दिन में श्रद्धालु कैलास मानसरोवर की यात्रा कर सकते हैं। पहले यहां जाने में सात-आठ दिन लगते थे। लेकिन नेपाल इसके विरोध में उतर आया। नेपाल ने 1815 में अंग्रेजी शासकों के साथ हुई नेपाल के राजा की संधि का हवाला देते हुए सीमा विवाद उठाया। भारत और नेपाल मिलकर इस समस्या का समाधान निकालने का प्रयास कर रहे हैं।
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